Book Title: Bahetar Jine ki Kala
Author(s): Chandraprabhashreeji
Publisher: Jain Shwetambar Panchyati Mandir Calcutta

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Page 54
________________ एक सच्ची घटना है। यूरोप के एक देश में दो सामान रूप से प्रतिभाशाली गायक रहते थे। इन दोनों में बड़ी दोस्ती थी। दोनों ने दुनिया भर में बड़ी प्रसिद्धि प्राप्त की और धन भी कमाया। इस सब के बावजूद किसी बात को लेकर दोनों में ठन गई।सुलह-सफाई की सारी कोशिशें बेकार हो गई। दोनों ने घोषणा कर दी कि अब से वे कभी एक-दूसरे के साथ नहीं गाएंगे। सभी कुछ ठीक चल रहा था कि इनमें से एक मिस्टर ए को ब्लड कैंसर हो गया।वह ऐसा समय था, जब इस बीमारी का इलाज अमेरिका के अस्पताल में ही हो पाता था। अब इस इलाज में और बार-बार अमेरिका की यात्राओं ने ए को कंगाल बना दिया। उनके लिए अब आगे इलाज करवा पाना लगभग नामुमकिन हो गया। कुछ दोस्तों की सलाह पर उसने ऐसी संस्थाओं की तलाश की जो साधनहीन लोगों की, इलाज में सहायता करती है। भाग्य से, एक संस्था ने उसे न सिर्फ मदद देना स्वीकार किया, बल्कि उसकी इलाज के दौरान हर ज़रूरत पूरी करने को धन भी दिया। इस इलाज के नतीजे में ए स्वस्थ हो गया। धीरेधीरे उसने रियाज़ कर फिर से गाना भी शुरू कर दिया। अब जब उसके पास फिर से धन-दौलत की वापसी हुई, तो उसने सोचना कि उसी संस्था की तरह, जिसने उसकी मदद की थी, वह भी एक संस्था बनाए । इस उद्देश्य से वह उस संस्था के कार्यालय पहुँचा और उसके गठन और कार्य पद्धति के लिए उसके काग़ज-पत्तर देखे, तो वह हैरान रह गया। इस संस्था का गठन उसके दोस्त से दुश्मन बने मिस्टर बी ने किया था और वह भी उसके बीमार होने के बाद। उसने इस बात का भी पुख्ता इंतज़ाम किया था कि इस बात का पता ए को बिल्कुल न लगे। उसी शाम जब बी एक कार्यक्रम दे रहा था, ए सीधे मंच पर चढ़ गया और हाल में बैठे सारे लोगों के सामने घुटनों के बल खड़े होकर बी से माफी माँगी और उसका शुक्रिया अदा किया।बी ने उसे उठाकर गले लगा लिया। बी ने श्रोताओं से कहा कि वह मज़बूर था। वह एक साथ दो चीजें खोने को तैयार नहीं था। एक दोस्त और दूसरा इतना खूबसूरत गायक। दोनों गले मिल गए। | 53 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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