Book Title: Arhat Vachan 2007 07
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 14
________________ जम्बू पीपल आम 9. पुष्पदंत नागवृक्ष नाग शाल साल अक्ष (बहेड़ा) 10. शीतलनाथ बिल्व अक्ष (बहेड़ा) पलाश धूलीपलाश (बेल) 11. श्रेयांसनाथ तुम्बुर तुम्बुर तिन्दुक तेन्दु (तुम्बूर) 12. वासुपूज्य कदम्ब कदम्ब पाटला पाटल कदम्ब (पाटल) 13. विमलनाथ जामुन जामुन पाटल/कदम जम्बू 14. अनन्तनाथ पीपल पीपल । पीपल पीपल 15. धर्मनाथ सप्तच्छद सप्तच्छद दधिपर्ण/कैंथ दधिपर्ण दधिपर्ण (सप्तच्छद) 16. शांतिनाथ नन्द्यावर्त नन्द्यावर्त नन्दी नन्दी नन्द्यावर्त वृक्ष 17. कुंथुनाथ तिलक तिलक तिलक तिलक तिलक 18. अरहनाथ आम्र माकन्द आम्र आम्र आम्र 19. मल्लिनाथ अशोक अशोक अशोक अशोक अशोक (कंकेली) 20. मुनिसुव्रत चम्पक चम्पक चम्पक/चम्पा चम्पा चम्पक 21. नमिनाथ बकुल मौलिश्री बकुल मौलसिरी बकुल बकुल (मौलिश्री) (बकुल) 22. नेमिनाथ मेषश्रृंग (गुडमार) बांस मेषश्रृंग 23. पार्श्वनाथ देवदारु आम्र धब/धौ धव धव (देवदारु) 24. महावीर शाल सागौन शाल साल शाल्मलि (शाल) अब हम क्रमशः चौबीस तीर्थंकरों के दीक्षावन तथा कैवल्यवृक्ष के आगमिक संदर्मों एवं उनके आधुनिक वनस्पति विज्ञानियों में प्रचलित नामों (Botanical Names) को संकलित करेंगे। इसी श्रृंखला में हमने संस्कृत भाषा में कैवल्य वृक्षों के वर्णनों को भी संकलित किया है तथा इन पौधों के औषधीय महत्व को भी रेखांकित किया है । जैनायुर्वेद के ग्रंथों तथा इन पौधों के औषधीय महत्व पर व्यापक गहन अनुसंधान अपेक्षित है। बांस वंश 1. आदिनाथ भगवान मौनी ध्यानी स निर्मानो देशान प्रविहरन शनै:। पुरं पुरिमतालाख्यं सुधीरन्येधुरासदत्॥218|| नात्यासन्नविदूरेऽस्मादुद्याने शकटाहये। शुचौ निराकुले रम्ये विविक्तेऽस्थाद् विजन्तुके ।।219।। न्यग्रोधपादपस्याधः शिलापट्टं शुचिं पृथुम्। सोऽध्यासीन: समाधानमधाद् ध्यानाय शुद्धधी:।।220॥ तत्र पूर्वमुखं स्थित्वा कृतपल्यबन्धनः। ध्याने प्रणिदधौ चित्तं लेश्याशुद्धि परां दधत् ।।22 1|| आदिपुराण भाग-1, पर्व -20 पुरिमताल नगर के समीप शकट नामक उद्यान जो पवित्र, आकुलता रहित, रमणीय, एकान्त और जीवरहित था, में भगवान ठहर गये । भगवान ने वहाँ वट वृक्ष के नीचे एक पवित्र तथा लम्बी चौड़ी शिला पर पूर्व दिशा की ओर मुखकर पदमासन में बैठकर ध्यान में अपना चित्त लगाया। अर्हत् वचन, 19 (3), 2007 10 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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