Book Title: Arhat Vachan 2007 07
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 95
________________ जून 2007 मंगलवार र कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ द्वारा संचालित परीक्षा संस्थान के निदेशक पं. नाथूलाल जैन शास्त्री का पूज्य मुनि श्री प्रमाणसागरजी महाराज के सान्निध्य में श्रुत पंचमी (19.06.07) को शीर्षस्थ जैन मनीषी के रूप में इन्दौर में सम्मान किया गया। स्व. पं. श्री का किसी सार्वजनिक कार्यक्रम का यह अन्तिम चित्र है। समीप खड़े हैं डॉ. अनुपम जैन, पं. रतनलाल शास्त्री एवं श्री हेमचंद झांझरी। वैद्य श्री कपूर चन्द जैन (सुनवाहा वालों) का निधन कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की मातृ संस्था दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट एवं कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के प्रबन्धक तथा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परीक्षा संस्थान के परीक्षाधिकारी, युवा विद्वान श्री अरविन्द कुमार जैन के पूज्य पिताजी वैद्य श्री कपूरचंद जैन (सुनवाहा वालों) का देहावसान शान्त परिणामों सहित सल्लेखना के व्रत धारण कर दिनांक 19.09.07 को इन्दौर में हो गया। ___80 वर्षीय वैद्य जी दृढ़ संकल्पी, गुरू भक्त, तीर्थ भक्त सुश्रावक थे। आपने सुनवाहा के दिगम्बर जैन मन्दिर का जीर्णोद्धार कराने के साथ ही असाहय रोगों से पीडित जनों को दर्लभ जडीबटियों से निर्मित औषधियाँ नि:शल्क वितरित करने क कार्य किया। वे स्वयं जंगलों में जाकर जड़ी-बूटियों का संकलन करतेथे। आप अपने पीछे 4 पुत्र श्री राजकुमार जैन, श्री अरविन्दकुमार जैन, श्री रजनीश जैन एवं श्री अनिल जैन एवं 6 पुत्रियों का भरापूरा परिवार छोड़ गये। कुन्दकुन्दज्ञानपीठ परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि। Jal Education International For Private & Personal Use Only! www.jainelibrary.org

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