Book Title: Arhat Vachan 1999 07
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 9
________________ अध्यक्ष की कलम से अर्हत् वचन कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर, परामर्शदात्री समिति का पुनर्गठन कुन्दुकुन्द ज्ञानपीठ की विकास यात्रा के प्रत्येक पग पर जैन विद्या के अध्येताओं का असीम स्नेह एवं संरक्षण इस संस्था को मिल रहा है। यह हम सबके लिये संतोष का विषय है। सितम्बर 1988 में ज्ञानपीठ की शोध त्रैमासिकी 'अर्हत् वचन' के प्रवेशांक के विमोचनोपरान्त इसी वर्ष हमनें इसके संपादक डॉ. अनुपम जैन को अपना मार्गदर्शन तथा सहयोग प्रदान करने हेतु संपादक मंडल का गठन कर दिया था। 1993 में जैन समाज के मूर्धन्य विद्वान एवं जैन गजट के यशस्वी संपादक प्राचार्य श्री नरेन्द्रप्रकाश जैन - फिरोजाबाद की अध्यक्षता में अर्हत् वचन सलाहकार परिषद का गठन इस शोध पत्रिका की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित हुआ। लब्ध प्रतिष्ठित विद्वानों की सुगठित टीम के सार्थक प्रयासों से पत्रिका ने देश - विदेश की शोध पत्रिकाओं में अपना विशिष्ट स्थान बनाया। परिषद के अध्यक्ष प्राचार्य श्री. नरेन्द्र प्रकाश जैन तथा सचिव डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन के एतद् विषयक प्रयासों हेतु मैं संस्था की ओर से आभार ज्ञापित करता हूँ। देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर द्वारा 1995 में मान्यता प्रदान किये जाने के पूर्व ही निदेशक मण्डल तथा परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया। विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो. ए. ए. अब्बासी, प्रो. जे. एन. कपूर, प्रो. आर. आर. नांदगांवकर, प्रो. पी. एन. मिश्र, प्रो. पारसमल अग्रवाल, प्रो. सुरेशचन्द्र अग्रवाल आदि मूर्धन्य शिक्षाविदों का विकास यात्रा के इस भाग में संस्था को सार्थक सहयोग प्राप्त हुआ। जैन विद्या के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान करने वाले विद्वानों के सहयोग से संस्था ने सम्पूर्ण विश्व में अपनी पहचान बनाई है। देश-विदेश के अध्येता अब अकादमिक सूचनाओं एवं शोध मार्गदर्शन हेतु ज्ञानपीठ से सम्पर्क करने लगे हैं जो कि संस्था के लिये गौरवपूर्ण उपलब्धि है। कार्य निष्पादन की सुविधा तथा सम्बद्ध व्यक्तियों की कार्य अभिरूचि की दृष्टि से जनवरी 1999 में अर्हत् वचन सम्पादक मंडल (देखें-पृष्ठ 2) तथा निदेशक मंडल का 1999-2000 की अवधि हेतु पुनर्गठन किया जा चुका है। जिसकी घोषणा वर्ष - 11, अंक - 1, जनवरी 1999 में की गई थी। यहाँ मैं पुन: उद्धृत कर रहा हूँ - पुनर्गठित निदेशक मंडल (शोध समिति) - 1. प्रो. नवीन सी. जैन, पूर्व निदेशक - एकेडेमिक स्टाफ कालेज, इन्दौर 2. पंडित नाथूलाल जैन शास्त्री, इन्दौर 3. प्रो. आर. आर. नांदगांवकर, पूर्व कुलपति, नागपुर 4. प्रो. ए. ए. अब्बासी, पूर्व कुलपति, इन्दौर 5. प्रो. नलिन के. शास्त्री, कुलसचिव, बोधगया 6. प्रो. सुरेशचन्द्र अग्रवाल, अध्यक्ष - विज्ञान संकाय, मेरठ 7. डॉ. अनुपम जैन, सचिव, इन्दौर . कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परामर्शदात्री के व्यापक उपयोग को दृष्टि में रखते हुए कार्य परिषद के परामर्शानुसार अर्हत् वचन सलाहकार परिषद को भंग कर परामर्शदात्री समिति का पुनर्गठन किया जा रहा है। यह परामर्शदात्री समिति ही अब कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की समस्त गतिविधियों के संचालन हेतु परामर्श देने का कार्य सम्पन्न करेगी। अर्हत् वचन, जुलाई 99

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