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का अंश नहीं है। क्लोन का अलग अस्तित्व है और डोनर पेरेन्ट का अलग। जैसा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि हमारे शरीर में स्थित प्रत्येक कोशिका भी अपने आप में एक परिपूर्ण शरीर युक्त स्वतंत्र जीव है तथा हमसे प्रत्येक दृष्टि में भिन्न है। उसका वैसा ही अलग अस्तित्व है जैसा कि आपका और हमारा। अतः जब प्रत्येक कोशिका का अलग अस्तित्व है तो उससे विकसित भ्रूण तथा फिर भ्रूण से विकसित क्लोन डोनर - पेरेन्ट का अंश कैसे हो सकता है ? अत; क्लोन अपने आप में डोनर - पेरेन्ट से बिल्कुल अलग अस्तित्व वाला जीब है। उसका आयुष्य, उसकी भावनाएँ तथा उसका सुख - दुख भी अपने डोनर - पेरेन्ट से बिल्कुल भिन्न होगा। यह बात डॉली (जो कि भेड़ का क्लोन है) के गर्भ धारण करने तथा फिर उसके माता बनने से और अधिक स्पष्ट हो गई है ।
Frog-A
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Nucleus damaged
Unfertilised egg
Nucleus
injected
Intestinal cell
Normal Carva
Frog-B
DOD
Intestinal nucleus
Blastula
Intestine
Enucleated recipient egg
Adult Frog (Identical Frog-B)
GURDON'S EXPERIMENT ON FROG
CLONE MOTHER
(Pregnant Fin Dorset Ewe)
N Nucleus
Udder cell
Special solution
Nucleus separated udder cell nucleus
EGG MOTHER (Adult Sheep)
Unfertilised egg
Nucleus removed
Enucleated egg
Ist mild electric
shock for fusion or uptake of nucleus by egg
Early embryo (Blastocyst)
Culture medium
2nd mild electric shock
to Trgger Cleavage
Blastocyst implanted into the uterus of Burwoogle-mother
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Lamb (Dolly) WILMUT'S CLONING EXPERIMENT
Science Repor&er, Feb. 98 से साभार
अभी मनुष्य का क्लोन तैयार नहीं किया जा सका है। लेकिन यहाँ हम यह मानकर चलें कि मनुष्य का क्लोन भी तैयार किया जा सकता है। मानों कि मनुष्य के दो क्लोन तैयार किये गये। दोनों की शक्ल सूरत एक जैसी ही है। यदि एक क्लोन को अच्छा खाने-पीने को मिले तथा अच्छा अनुकूल वातावरण मिले तथा दूसरे क्लोन को न तो अच्छा खाने पीने को मिले और न ही अच्छा वातावरण मिले तो निश्चित रूप से बड़े होने पर दोनों के व्यक्तित्व में अन्तर आ जायेगा। दोनों का विकास अलग अलग होगा
अर्हत् वचन, जुलाई 99