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जैन जगत की अपूरणीय क्षति पं. बलभद्रजी जैन, दिल्ली
प्रो. अक्षयकुमारजी जैन, इन्दौर
69 वर्ष की आयु में प्रो. अक्षयकुमार जैन का आकस्मिक निधन - इन्दौर में दिनांक 19.11.98। आप गुजराती कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक थे । निमित्त एवं ज्योतिष शास्त्र के प्रकाण्ड पंडित प्रो. जैन साधु सन्तों में भी विशेष लोकप्रिय थे। आपको आचार्य विमलसागरजी महाराज के सान्निध्य में बम्बई तथा आचार्य कुन्थुसागरजी महाराज के सान्निध्य में जयपुर में सम्मानित किया गया था।
पं. श्यामसुन्दरलालजी शास्त्री, फिरोजाबाद
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85 वर्ष की आयु में 20 मई 99 हृदयाघात से निधन। भारतवर्षीय दिगम्बर जैन (धर्मसंरक्षिणी) महासभा के मुखपत्र 'जैन गजट' के प्रधान सम्पादक, आर्ष परम्परा के यशस्वी विद्वान, 40 वर्षों तक पी. डी. जैन इन्टर कालेज, फिरोजाबाद के प्रबन्धक, 1998 में श्री रंगनाथा गांधी जनमंगल प्रतिष्ठान, शोलापुर द्वारा ‘आचार्य कुन्दकुन्द पुरस्कार से सम्मानित ।
84 वर्ष की आयु में 26 मई 99 को दिल्ली में निधन। 'भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ के 4 खण्डों तथा जैन दर्शन के प्राचीन इतिहास, भाग- 1 के यशस्वी लेखक तथा अनेक वर्षों तक 'प्राकृत विद्या' के प्रधान प्रकाशित 'जैन धर्म का सरल परिचय' पुस्तक सम्पादक रहे। कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर से के बहुश्रुत लेखक । कुन्दकुन्द भारती, दिल्ली से अनेक वर्षों तक जुड़े रहे।
ब्र. सम्यक्त्व भारती जी, इन्दौर
जन्म - 4.12.65 निधन - 28.5.99 संतशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज से 8.11.85 को आहारजी में क्षुल्लक दीक्षा, थुवोनजी (म.प्र.) में 10.7.87 को ऐलक दीक्षा । हृदय शल्य क्रिया हेतु दीक्षा त्याग। दीक्षा के उपरान्त नाम श्री सम्यक्त्व सागर जी । दीक्षा त्याग के पश्चात नाम श्री सम्यक्त्व भारती। लगभग 30 पुस्तकों के लेखक । कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की गतिविधियों में विशेष रूचि ।
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि
अर्हत् वचन, जुलाई 99