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वर्ष 1999 के महावीर पुरस्कार एवं ब्र. पूरणचन्द रिद्धिलता लुहाड़िया पुरस्कार
प्रबन्धकारिणी कमेटी, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, श्रीमहावीरजी द्वारा संचालित जैनविद्या संस्थान - श्रीमहावीरजी के वर्ष 1999 के महावीर पुरस्कार के लिये जैन धर्म, दर्शन, इतिहास, साहित्य, संस्कृति आदि से सम्बन्धित किसी भी विषय की पुस्तक / शोध प्रबन्ध की चार प्रतियाँ दिनांक 30 सितम्बर 1999 तक आमंत्रित की गई हैं। इस पुरस्कार में प्रथम स्थान प्राप्त कृति को रु. 11001 = 00 एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा तथा द्वितीय स्थान प्राप्त कृति को ब्र. पूरणचन्द रिद्धिलता लुहाड़िया साहित्य पुरस्कार रु. 5001 = 00 एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा।
31 दिसम्बर 1995 के पश्चात प्रकाशित पुस्तक ही इसमें सम्मिलित की जा सकती है। अप्रकाशित कृतियाँ भी प्रस्तुत की जा सकती हैं। अप्रकाशित कृतियों की तीन प्रतियाँ स्पष्ट टंकण / फोटोस्टेट की हई तथा जिल्द बंधी होनी चाहिये। नियमावली तथा आवेदनपत्र का प्रारूप प्राप्त करने के लिये संस्थान कार्यालय, दिगम्बर जैन नसियाँ भट्टारकजी, सवाईरामसिंह रोड़, जयपुर - 4 से पत्र व्यवहार करें।
यह सूचित करते हुए हर्ष है कि वर्ष -98 का महावीर पुरस्कार डॉ. रतनचन्द जैन, भोपाल को उनकी कृति 'जैन दर्शन में निश्चय और व्यवहार नय - एक अनुशीलन' तथा ब्र. पूरणचन्द रिद्धिलता लुहाड़िया साहित्य पुरस्कार पं. निहालचन्द जैन को उनकी कृति 'नैतिक आचरण' पर दिनांक 1.4.99 को श्रीमहावीरजी में महावीर जयन्ती के वार्षिक मेले के अवसर पर प्रदान किया गया।
कमलचन्द सोगाणी, संयोजक
स्वयंभू पुरस्कार 1999 . दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, श्रीमहावीरजी द्वारा संचालित अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर के वर्ष 1999 के स्वयंभू पुरस्कार के लिये अपभ्रंश साहित्य से सम्बन्धित विषय पर हिन्दी तथा अंग्रेजी में रचित रचनाओं की चार प्रतियाँ 30 सितम्बर 1999 तक आमंत्रित की गई हैं। इस पुरस्कार में 11001 = 00 रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा।
31 दिसम्बर 1995 के पूर्व प्रकाशित तथा पहले से पुरस्कृत कृतियाँ सम्मिलित नहीं की जायेगी। अप्रकाशित कृतियाँ भी प्रस्तुत की जा सकती हैं। अप्रकाशित कृतियों की तीन प्रतियाँ स्पष्ट टंकण/फोटोस्टेट की हुई तथा जिल्द बंधी होनी चाहिये। पुस्तकें संस्थान की सम्पत्ति रहेंगी, वे लौटाई नहीं जायेंगी। नियमावली तथा आवेदनपत्र का प्रारूप प्राप्त करने के लिये संस्थान कार्यालय, दिगम्बर जैन नसियाँ भट्टारकजी, सवाईरामसिंह रोड़, जयपुर - 4 से पत्र व्यवहार करें।
यह सूचित करते हुए हर्ष है कि वर्ष -98 का स्वयंभू पुरस्कार डॉ. सुरेन्द्रकुमार जैन 'भारती', को . उनकी कृति 'पासणाह चरिउ - एक समीक्षात्मक अध्ययन' पर दिनांक 1.4.99 को श्रीमहावीरजी में महावीर जयन्ती के वार्षिक मेले के अवसर पर प्रदान किया गया।
कमलचन्द सोगाणी, संयोजक
श्री गणेशप्रसाद वर्णी स्मृति साहित्य पुरस्कार श्री स्याद्वाद महाविद्यालय, भदैनी - वाराणसी की ओर से अपने संस्थापक पूज्य गणेशप्रसाद वर्णी की स्मृति में वर्ष 1999 के पुरस्कार के लिये जैन धर्म, दर्शन, सिद्धान्त, साहित्य, समाज, संस्कृति, भाषा एवं इतिहास विषयक मौलिक, सृजनात्मक, चिंतन, अनुसंधानात्मक, शास्त्री परम्परा युक्त कृति पर पुरस्कारार्थ 4 प्रतियाँ आमंत्रित हैं। इस पुरस्कार में रु. 5,000 = 00 नकद तथा प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा। 1996 के बाद की प्रकाशित पुस्तकें इसमें शामिल की जा सकती हैं। नियमावली निम्न पते पर उपलब्ध है -
डॉ. फूलचन्द जैन 'प्रेमी' संयोजक - श्री वर्णी स्मृति साहित्य पुरस्कार समिति, श्री स्याद्वाद महाविद्यालय, भदैनी, वाराणसी
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अर्हत् वचन, जुलाई 99