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अपश्चिम तीर्थकर महावीर - 20 (क) उपासकदशांग; वही; पृ. 11, 32/ स्वर्णकार्षापण का वजन 16 मासे, रजत कार्षापण का वजन 16 पण (तौल विशेष) तथा ताम्र कार्षापण का वजन 80 रत्ती होता था। ऐसा संस्कृत-इंग्लिश डिक्शनरी, सर मोनियर विलियम्स पृ. 176 पर लिखा है। (ख) प्राचीन समय में प्रचलित सोने का सिक्का, जिसका मान 80 गुंजा प्रमाण या 16 मासा प्रमाण था। अनुयोग द्वार टीका; पत्र 156/1