Book Title: Apaschim Tirthankar Mahavira Part 01
Author(s): Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
Publisher: Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh
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13.
य
चिकि
बहुते
इत्पति लड्डु
नमस्ता प्राप्त सिहासनले
चुरे
45.
16.
7.
18.
19.
23.
21.
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देखो विस्तृत कर्मणि
सॅन्ड्री
हम्
सो समाति—काई बेसनमा को आहेततर्
आयत थुप्रै सत्य प्रेशर इत्र हो बापरे.
लोति पर्व की आरती विधीलियाको
इत्धी इन्डिनियाको
चू
239
ते पर भ
नस
होला :
व नूतगारे चैत्र उद्द्वना।
य
रसूल सक
खखात वर्तकलिया लालच सानाइय सत्तागोभ बीसइने तह आवश्यक चूर्णि जिनदत्तः पृ. ४ (ख) विशेषावश्यक नाप्यः 1937-21
आवश्यक नलयगिरि 232-93 आवश्यक हरिनद्रीय 218-217 (ङ) महावीर चरियं (नैमिचन्द); 1005-12 (च) महावीर चरियं (गुणचन्द्र); 7/228 (8) चरपन्न महापुरिस; 282 से 259 सदश्यलचूर्णि; पृ. 311
(क) आवश्यक चूर्णि; जिनदास: 311-13 (ख) आवश्यक मलयगिरिः 291-92
रहेव य
अलोने
(ग) आवश्यक हरिभद्रीय; 219-20 (घ) विशेषावश्यक भाष्य 1944-46 (क) आवश्यक चूर्णि; जिनदास: 313-14 (ख) आवश्यक मलयगिरि, 292-93
ご一
ミニミニミ

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