Book Title: Anusandhan 1993 00 SrNo 02
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 7
________________ ३-४ (२) दूहा : ढाल २ : जाणे जाणो देशीनू सूचक पद प्रतिमा छे नहि. मोटाई रे मोटाई छइ रे समृद्धि समृद्ध दीप जिहां दीपइ जिहां जातिफल जातीफल मचकुंद मुचुकुंद कुंद कंद साची ० कारणे लाभंत शुचि ०कारण तेजंत बले बलिई ९-१ मुजथी मति तुझथी मत १-४ (३) ढाल ३ : २-३ वाध्याजी वाधीरे साध्याजी साधीरे मोटाई मोटाईई लोग लोगाईजी लोक नई लोई रे =(मार्जिनमा स्वहस्ते लुगाई लख्यं छे. ८-१ वहरोजी चहरोजी ९-२ गोख्युजी घोष्युंजी १०-३ बहियो० वहयो० (४) ढाल ४ : ७-१ कुल श्यो कुलनो श्यो (५) ढाल ६: आंकणी पछी "जे जाचिकने धन छेतरे लो - ए पंक्ति प्रतिमां नथी. छे नहि छतइ २-३ भारणी भारिणी मच्छादि माछादिक [२] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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