Book Title: Ananthnath Jina Chariyam
Author(s): Nemichandrasuri, Jitendra B Shah, Rupendrakumar Pagariya
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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ভত
भुवनपईवनिवकहा गुंजंतमद्दलुद्दामपडहुडुक्काणसरियतालरवं । गाएउं पारद्धं कुमारचरियं मिउसरेण ॥ ८६९७ ॥ नच्चेउमुवकंतं तं मज्झा किन्नरीए पवराए । मणिमयरसणारणज्झणिरकणयकिंकिणिकलावाए || ८६९८ ॥ पसरावसरणभमिभमुहभंगकरणक्कमंगहारेहिं । नच्चइ सा करविन्नासवसवसप्पंतनयणेहिं ॥ ८६९९ ॥ निब्भच्छियमिउकलकंठकूईयं रायमालवेऊण । नच्चंती सा गायइ कुमरगुणे चंदकरधवले ॥ ८७०० ॥ तन्नट्टगीयदिन्नावहाणिया कुमरपमुहसव्वसहा । जाया तदेक्कदिट्ठी अचलंगी चित्तलिहिय व्व ।। ८७०१ ॥ पसरंतीए पसरंति उच्छलंतीए उच्छलंति समं । तीए जणनयणाई सययं सेवयकुलाई व ॥ ८७०२ ॥ अवहियहियओ जाओ रायसुओ तीए गीयनदे॒हिं । दाउमणो नियहारं तमच्छिसन्नाए वाहरइ ॥ ८७०३ ॥ ता सा चलिया रणज्झणिरकिंकिणी किं चि कंपमाणथणी । नवनेहरसभरालसनयणेहिं पलोइरी कुमरं ॥ ८७०४ ॥ सो वि हु नियहत्थेहिं थणत्थले जाव ठावए हारं । ता तीए झ त्ति आलिंगिऊण नीओ नहयलेण ॥ ८७०५ ॥ सहस च्चिय सेसो वि हु तिरोहिओ किन्नरी जणो सयलो । कुमरंगरक्खसरंभभवभयुब्भंतनयणो व्व ॥ ८७०६ ॥ जावारोवियधणुहा धणुद्धरा तमणुपक्खिवंति सरे । जावुच्छलंति तं पइ फारक्का खग्गवग्गकरा ॥ ८७०७ ॥ तीए ता रायसुओ नरनयणअगोयरे नहे नीओ । जाओ य गयच्छाओ परिवारो कुमरहरणम्मि ॥ ८७०८ ॥ गंतुं सहाए कहियं रन्नो मित्तेहिं कुमरअवहरणं । तं सोउं सो जाओ मुच्छाए अचेयणो सपिओ ॥ ८७०९ ॥
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