Book Title: Agam Sutra Satik 15 Pragnapana UpangSutra 04
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 545
________________ २१८ प्रज्ञापनाउपासूत्रम्-२- २८/१/-५५५ परिणमंति, एवं जाव चउरिंदिया, नवरं नेगाइं च णं भागसहस्साई अनाघाइजमाणाई अनासाइजमाणाइं अफासाइजमाणाई विद्धंसमागच्छंति, एतेसिणंभंते! पोग्गलाणं अनाधाइजमाणाणंअनासाइजमाणाणंअफासाइजजमाणाण य कयरेशहितो अप्पा वा ४?, गो०! सव्वत्थोवा पोग्गला अनाधाइअमाणा अनासाइजमाणा अनंतगुणा अफासाइजमाणा अनंतगुणा, तेइंदियाणं मंते ! जे पोग्गला पुच्छा, गो०! ते णं पोग्गला घाणिदिय० जिब्मिदिय० फासिंदियवेमायत्ताएतेसिं भुजोर परिणमंति, चउरिदियाणंचक्खिदिय० घाणिंदिय० जिमिंदिय० फासिंदियवेमायत्ताए तेसिं भुओर परिणमंति, सेसंजहातेइंदियाणं, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा तेइंदियाणं, नवरंतत्यणंजेसेआभोगनिव्वत्तिते से जहन्नेणं अंतोमुहुत्तस्स उक्को० छट्ठभत्तस्स आहारठ्ठ समुप्पजति, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! जे पोग्गला आहा० पुच्छा, गो० ! सोतिदिय० चक्खि-दिय० घाणिंदिय० जिभिदिय० फासिंदियवेमायत्ताए मुजोर परिणमंति, मणूसा एवं वेव, नवरं आभोगनिव्वत्तिते जह० अंतोमुत्तस्स उक्को० अट्ठमभत्तस्स आहारट्टे समुप्पजति, वाणमंतरा जहा नागकुमारा, एवं जोतिसियावि, नवरं आभोगनिव्वत्तिते जह० दिवसपुत्तस्स उ० दिवस-हुपुत्तस्सआहारट्टे समुप्पज्जइ, एवंवेमाणियावि, नवरंआभोगनिव्वत्तिए ज० दिवसपुहुत्तस्स उ० तेत्तीसाए वाससहस्साणं आहारढे समुप्पअति, सेसंजहाअसुरकुमाराणं जाव एतेसिं भुओ २ परिणमंति, सोहम्मे आभोगनिव्वत्तितेज० दिवसपुहुत्तस्स उक्को० दोण्हं वाससहस्साणंआहारट्ठे सं०, ईसाणेणं पुच्छा, गो० ज० दिवसपुहत्तस्स सातिरेगस्स उ० सातिरेगंदोण्हं वाससहस्साणं, सणंकुमाराणं पुच्छा, गो० ! ज० दोण्हं वाससहस्साणं उ० सत्तण्हं वाससहस्साणं, माहिदे पुच्छा, गो० ! जहन्नेणं दोण्हं वाससहस्साणं सातिरेगाणं उक्को० सत्तण्हं वाससहस्साणं सातिरेगाणं, बंभलोए पुच्छा, गो० ! ज० सत्तण्हं वाससहस्साणं उ० दसण्हं वाससह०, लंतए णं पुच्छा, गो० ज० दसण्हं वाससह० उ० चउदसण्हं वाससह०, महासुक्केणं पुच्छा गो०! ज० चउदसण्हं वासस० उक्को० सत्तरसण्हं वाससह०, सहस्सारे पुच्छा, गो० ! जह० सत्तरसण्हं वासस० उ० अट्ठारसण्हं वाससह०, आणएणं पुच्छा, गो० ज० अट्ठारसण्हं वाससह० उ० एगूणवीसाए वाससहस्साणं, पाणए णं पुच्छा, गो०! ज० एगूणवीसाए वास० उ० वीसाए वाससहस्साणंस आरणे णं पुच्छा, गो० ज० वीसाए वाससह० उक्को० एकवीसाए वाससह०, अच्चुएणपुच्छा गो०! ज० एकवीसाए वाससह० उक्को० बावीसाए वा०, हिडिमहिडिमगेविनगाणं पुच्छा, गो० ज० बावीसाए वा० उक्को० तेवीसाए वा०, एवं सम्वत्थ सहस्साणि भाणियव्वाणि, जावसव्वटुं, हिटिममझिमगाणंपुच्छा, गो० ज० तेवीसाए उ० चउवीसाए, हेट्ठिमउवरिमाणंपुच्छा, गो० ज० चउवीसाएउ०पणवीसाए, मज्झिमहेडिमाणं पुच्छा, गो०! ज० पणवीसाए उक्को० छव्वीसाए, मज्झिममन्झिमाणेपुच्छा, गो० ज०छब्बीसाए उ० सत्तावीसाए, मज्झिमउंवरिमाणं पुच्छा, गो०! ज० सत्तावीसाए उ० अट्ठावीसाए, उवरिमहेट्ठिमाणं पुच्छा, गो० ! ज० अट्टावीसाए उ० एगूणतीसाएस उवरिमज्झिमाणं पुच्छा, गो०! ज० एगूणतीसाए उ० तीसाए, उवरिमउवरिमाणं पुच्छा, गो०! ज० तीसाए उ० एगतीसाए, विजयवेयजयंतजयंतअपराजियाणं पुच्छा, गो० ! ज० एगतीसाए उक्को० तेत्तीसाए, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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