Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
असुरकुमारों के उद्वर्तन का निरूपण पृथ्वीकायिक आदि की उद्वर्तना का निरूपण दोइन्द्रियजीवों के उत्पाद का निरूपण तीर्थकरों एवं चक्रवर्तियों के उत्पाद का निरूपण उत्पात विशेष का निरूपण असंज्ञी जीवों की आयुष्य का तथा शरीरभेदों का निरूपण औदारिकशरीर संस्थान एवं अवगाहना का निरूपण वैक्रियशरीरभेद का निरूपण वैक्रियशरीर संस्थान का निरूपण आहारकशरीर का निरूपण तैजःसशरीर का निरूपण तैजासशरीर की अवगाहना का निरूपण पुद्गल के चयन का निरूपण औदारिकशरीरीयों के अल्पबहुत्वद्वार का निरूपण
५१९-५२५ ५२५-५३६ ५३७-५४६ ५४७-५७० ५७१-५७९ ४८०-६१४ ६१५-६५७ ६५८-६९० ६९१-७४१ ७४२-७६१ ७६२-७७२ ७७३-८०० ८०१-८१४ ८१५-८२८
समाप्त
श्री. प्रशान। सूत्र:४