Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 04 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 11
________________ अनु. विषय स्थानांग सूत्र भाग थोथे डी विषयानुप्रभशिडा पांथवे स्थानका दूसरा शा १ पांचवे स्थानके दूसरे अशा विषय विवरा २ विहार विषयमें सपने योग्य और नहीं प्रल्पनेयोग्या निपा 3 गु३प्रायश्चित्ता निपा ४ निर्ग्रन्थोंडे राभडे अन्तःपुरमें प्रवेशठा नि३पा स्त्रियों में रही हु प्रियाविशेषा नि३पा ९ गर्ल संजन्धमें - गर्ल विषया नि३पा ७ साध्वी के संद्ध प्रथना नि३पा स्त्रव संवर वगैरह द्वारोंडा नि३पा ८ ८ आस्त्रव विशेष३प प्रिया स्थाना नि३पा १० निर्भराडे उपायभूत परिज्ञाडा नि३पा ११ व्यवहारा नि३पा १२ संयत और असंयतों में सुप्त और भग्रतडे स्व३पडा नि३पा १३ दुर्भजन्धडे द्वारा नि३पा १४ अपघातडे स्व३पडा नि३पा १५ जोधीडे सभ्य प्राप्तिा और अप्राप्ति द्वारा नि३पा १६ संयम स्व३पडा नि३पा १७ संयम और असंयमा नि३पा १८ जाहर लेवाले वनस्पतिडा, पांय प्रडारडे जाहर होंडा नि३पा १८ आयार ऽल्पडेस्व३पडा नि३पा २० मनुष्य क्षेत्र में रहे हुवे पार्थ विशेषठा नि३पा २१ ऋषभ विगैरह तीर्थरोंडा निश्पा २२ भावप्रमुद्धरडे होने पर भिनाज्ञाडी जनतिप्रभाता होने का निश्पा श्री स्थानांग सूत्र : ०४ पाना नं. ૧ ૧ น 9 o σ x u σ R V ⇓⇓ 8 8 8 ७ ८ १० ૧૧ ૧૪ ૧૬ २१ २२ २८ ૨૯ ૨૯ ૩૧ ૩૬ ४० ४२ ४२ ४६ ४८ ५०

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