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ખડકાયાં હય, અસહ્ય વેદના ઊપડી હોય, તે સમયે આ નવ સ્મરણને પાઠ કરવાથી એ સર્વ સંકટમાંથી તુરત જ વિમુક્ત थवाय छे.
इनके प्रभावसे सिंह आदि भयङ्कर प्राणी, चोर-डाकू तथा शत्रुलोग दूरसे ही भाग जाते हैं, नवस्मरण धारियोंका ये अणुमात्र भी अपकार नहीं कर सकते । सभी प्रकारके भयं कर दुःखोंमें, सभी प्रकारकी वेदनाओंमें नवस्मरण के पाठमात्रसे ही मनुष्य, उनसे तत्काल मुक्त होजाते हैं ॥ ७-८ ॥ पिशाचाद्युपसर्गाश्च,
ग्रहपीडाश्च दारुणाः ।