Book Title: Aagam 07 UPASAK DASHA Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 9
________________ आगम (०७) “उपासकदशा” - अंगसूत्र-७ (मूलं+वृत्तिः ) अध्य यन [१], -------- मूलं [६] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [०७], अंग सूत्र - [०७] "उपासकदशा" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति: प्रत सूत्रांक कायसा २ । तयाणन्तरं च णं थूलगं अदिण्णादाणं पञ्चक्खाइ जावजीवाए दुविहं तिविहेणं न करेमि न कारवेमि मणसा वयसा कायसा ३। तयाणन्तरं च णं सदारसन्तोसिए परिमाणं करेइ, नन्नत्थ एक्काए सिवानन्दाए भारियाए, अवसेसं सव्वं मेहुणविाह पच्चक्खामि म०३,४ । तयाणन्तरं च णं इच्छाविहिपरिमाणं करेमाणे हिरण्णसुवण्णविहिपरिमाणं करेइ, नन्नत्य चउहिं हिरण्णकोडीहिं निहाणपउनाहिं चउहि बुद्धिपउत्ताहि चउहिं पवित्थरपउत्ताहिं, अवसेस सव्वं हिरण्णसुवण्णविहिं पञ्चक्खामि ३, तयाणन्तरं च णं चउप्पयविहिपरिमाणं . करेइ, नन्नत्य चउहि वर्ष दसगोसाहस्सिएणं वएणं, अवसेसं सव्वं चउप्पयविहिं पञ्चक्खामि ३, तयाणन्तरं च | णं खेत्तवत्थुविहिपरिमाणं करेइ, नन्नत्थ पञ्चहिं हलसएहिं नियत्तणसइएणं हलेणं, अवसेसं सव्वं खेत्तवत्थुविहि पञ्चक्सामि ३, तयाणन्तरं च णं सगडविहिपरिमाणं करेइ, नन्नत्थ पञ्चहिं समडसएहिं दिसायत्तिएहिं पञ्चहिं सगडसएहिं संवाहणिएहिं, अवसेसं सब्वं सगडविहिं पचक्खामि ३, तयाणन्तरं च णं वाहणविहिपरिमाणं करेइ, नन्नत्थ चउहिं वाहणेहिं दिसायत्तिपहिं चउहिं वाहणेहिं संवाहणिएहि, अवसेसं सर्व वाहणविहिं पञ्चक्खामि ३,५। तयाणन्तरं च णं उवभोगपरिभोगविहिं पञ्चक्खाएमाणे उल्लणियाविहिपरिमाणं करेइ, नन्नत्थ एगाए गन्धकासाईए, अवसेमं सव्वं उल्लणियाविहिं पञ्चक्खामि ३, तयाणन्तरं च णं दन्तवणविहिपरिमाणं करेइ, नन्नस्थ एगेणं अल्ललट्ठीमहुएणं, अवमेमं । दन्तवणविहिं पञ्चक्खामि ३ । तयाणन्तरं च फलविहिपरिमाणं करेइ, नन्नत्य एगेणं खीरामलएणं, अवसेसं फलविहिं . दीप अनुक्रम आनन्दस्य श्रमणोपासक-द्वादश व्रतस्वीकारं (यहाँ ख़याल रहे की उपलक्षण से १२- व्रत ऐसा लिखा है, वैसे तो यहाँ ७ व्रत दिखाई देते है, जिसमे पहेले चार व्रत के प्रत्याख्यान तो संक्षिप्त और स्पष्टरूपसे है, पांचवा व्रत थोडा विस्तार से है, फिर उपभोग-परिभोग विषयक प्रत्याख्यान ज्यादा विस्तार से है, उसके बाद अनर्थदंड विषयक प्रत्याखान का उल्लेख है | बाकी व्रतो का उल्लेख नहीं है, लेकिन अतिचार-वर्णनमें बारह व्रतो का उल्लेख है।) ~8~

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