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भरिबल भारतीय विजय बल्लभ स्वर्गारोहण भईशताब्दी महोत्सव महासमिति জন্য ত্র = জ জাল ভিস্র ভাষ্ট্র ভিত্যুি ভাল
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परम पूजनीय परम वन्दनीय प्रातः स्मरणीय जैनाचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वर जी म. के 50वें स्वर्गारोहण वर्ष को गुरुवर के नाम से मनाने के लिए श्रीमद् आत्म वल्लभ समुद्र इन्द्रदिन्न पाट पर विराजमान वर्तमान पट्टधर कोंकण देश दीपक गच्छाधिपति जैनाचार्य श्रीमद विजय रत्नाकर सरीश्वर जी म.सा. जी ने जैन समाज को 'विविध मंगलमय कार्यक्रमों' के आयोजन करने की प्रेरणा दी ताकि परम पूज्य गुरुवर का नाम दिग्दिगंत तक फैले और उनके द्वारा समाज पर किए गए उपकारों को याद करते हुए, उनके आदर्शों को जीवन में अपनाएं एवं गुरु का दिव्याशीष प्राप्त करने के लिए इनके श्री चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करें। इससे गुरु भगवन्तों की यशोगाथा के साथ-साथ परमात्मा के शासन की जयजयकार होवे। इन कार्यक्रमों को क्रियान्वित रूप देने के लिए 'अखिल भारतीय विजय वल्लभ' स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी महोत्सव महासमिति के माध्यम से निम्नलिखित विविध मंगलमय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया :
__1. अम्बाला शहर में “श्री आत्म-वल्लभ श्रमणोपासक गुरुकुल' की स्थापना।
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विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका
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