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यमुना नगर के श्री जिन मन्दिर में मूलनायक भगवान श्री सुमतिनाथ इस जिन मन्दिर की प्रतिष्ठा वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीश्वर जी महाराज के कर-कमलों से हुई।
___“मेरो मन लागो तुमरे चरण में,
जैसे भुंग-गण लागो सुमन में।। मेरो० अंचली सुमतिनाथ प्रभु सुमति के दाता, भीज्यो सुमति रंगन में।
सुमति रक्षक कुमति नाशक, प्रभु सरणा भव वन में।। मेरो० 1
आतमराम धाम शिवसुख का, निश दिन नाम रटन में।
सत चित आनन्द रूप अमीरस वल्लभ वसत नयन में।। मेरो० 5"
वल्लभ काव्य सुधा, पृ. नं. 22 एवं 23
श्रीपाल जैन
प्रधान
कस्तूरी लाल जैन
महामंत्री
श्री आत्मानंद जैन सभा,
यमुनानगर
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