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गुरु
वर्तमान गच्छाधिपति श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीश्वर जी म. की सद्प्रेरणा - शुभ आशीर्वाद - शुभ निश्रा में लुधियाना से 6 फरवरी 2004 को आरम्भ होकर उत्तरी भारत से दक्षिण भारत में विभिन्न नगरों एवं ग्रामों में भ्रमण करते हुए विजय वल्लभ रथयात्रा ने दिनांक 20.03.2004 को मुंबई शहर में प्रवेश किया और दिनांक 23.03.2004 को बालकेश्वर मन्दिर से होते हुए भायखला में गुरु समाधि मन्दिर पर आकर सम्पन्न हुई। मुम्बई जैन सभा के श्री कान्ति भाई, श्री देवेन्द्र भाई एवं प्रमुख व्यक्तियों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास एवं उत्साह के साथ बैण्ड-बाजों के द्वारा भायखला गुरु समाधि मन्दिर में प्रवेश
विजय वल्लभ रथयात्रा एवं समापन समारोह निर्विघ्न, सफलतापूर्वक सम्पन्न
कराया गया।
उसी स्थान पर समापन समारोह का आयोजन रखा हुआ था। ये समारोह रथ पहुँचने के तुरन्त पश्चात् प्रारम्भ हुआ। इस समारोह में सम्मिलित होने के लिए विभिन्न शहरों के प्रतिनिधि गुजरात, राजस्थान एवं पंजाब आदि से पधारे थे। गुरु चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए इसमें विशेष रूप से लुधियाना से स्पैशल ट्रेन द्वारा लगभग 550 व्यक्तियों का समूह संघपति श्री कश्मीरी लाल अवताश जैन के नेतृत्व में इस समारोह में भाग लेने की लिए पहुँचा ।
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इस समारोह
में अपनी निश्रा प्रदान करने के लिये गुरुवर विजय वल्लभ सूरीश्वर जी म. के अन्तिम हस्त दीक्षित मुनि परम पूज्य आचार्य श्री पद्म चन्द्र सूरीश्वर जी महाराज आदि अपने मुनि मण्डल के साथ विराजमान हुए और साध्वी अमितगुणा श्री जी (माता श्री जी), श्री पीयूषपूर्णा श्री जी आदि ने अपनी निश्रा प्रदान की।
गुरु गुणानुवाद के साथ-साथ रथ यात्रा प्रारम्भ से लेकर अन्त तक रथ यात्रा को सुचारू रूप से अपने गन्तव्य तक पहुंचाने के लिये विजय वल्लभ सेना के नौजवान कार्यकर्त्ताओं श्री शान्ति लाल जी जैन, श्री नीरज कुमार जी, श्री पद्म कुमार जी, श्री अरविन्द कुमार जी एवं श्री सतीश कुमार जी, श्री आशीष जैन आदि के अथक परिश्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा एवं अनुमोदना की गई।
इन नौजवानों ने अपना घर परिवार त्याग कर रथ यात्रा के साथ रहकर इसे अपने गन्तव्य तक पहुंचाया।
भायखला गुरु मन्दिर के ट्रस्टियों एवं मुम्बई जैन सभा के पदाधिकारियों द्वारा अखिल भारतीय विजय वल्लभ स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी रथ यात्रा समारोह महासमिति के अध्यक्ष एवं यात्रा संघ के संघपति श्री कश्मीरी लाल जी श्रीमती अवताश जैन एवं परिवार मै. वल्लभ यार्न का हार्दिक बहुमान एवं अभिनंदन किया
गया।
'अखिल भारतीय विजय वल्लभ स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी रथ यात्रा
विजय वल्लभ संस्मरण संकलन स्मारिका
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