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श्रीमद्वल्लभाचार्य पुराण, इतिहास एवं मीमांसादिक धर्मशास्त्रों का निचोड जगत् के सम्मुख प्रकाशित किया है। जहां यह हो इसी को पुष्टिमार्ग कहते हैं।
लोकदृष्टि से विचार करनेपर भी श्रीमदल्लभाचार्य विश्व की विभूति थे। धर्म के ऐसे प्रसिद्ध व्याख्याता एवं ऐसे अपूर्व क्षमताशाली प्रतिभावान् विद्वान् लोकमें बहुत कम अवतार ग्रहण करते हैं। श्रीमद्वल्लमाचार्य एक अत्यन्त उच्चकोटिके तत्त्ववेत्ता, धर्मशास्त्र के मार्मिक व्याख्याता एवं भारतवर्ष के प्रथम पंक्ति के दार्शनिक धुरंधर आचार्य थे।
वैष्णव दृष्टिमें आप पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् श्रीकृष्ण के मुखावतार माने गये हैं । आपका प्राकट्य रहस्य, भक्तोंकी भक्तिमयी भावनाओंसे सुसंवलित है। वे यों हैं___ आप भूतल पर पधारे उसके पूर्व आप श्रीगोपीजनवल्लभ श्रीकृष्णचन्द्र के समीप नित्यलीलामें विराजमान् थे । भारतकी दुर्दशा देख दयामय का दयापूरित हृदय दुःखित हो उठा । कालान्तरमें भगवान् की इच्छा हुई कि 'जिस पुष्टिमार्ग का प्रवर्तन श्रीगोपीजनोने किया है वह मुझे अत्यन्त प्रिय है । कालान्तर से वह भारतमें नष्ट प्राय हो चुका है । अतएव उसे पुनः प्रकट करना चाहिये।' यह विचारकर अपने मुखास्वरूप श्रीमद्वल्लभाचार्य को आपने आज्ञादी कि "आप भूतल पर पधार कर ब्रह्मवाद पुष्टिमार्ग का प्रचालन करिये । मैने श्रीयज्ञनारायण को उनके