Book Title: Uttaradhyayan Sutra Part 02
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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पृष्ठ | क्रं. विषय ३३. दोनों तीर्थों के अंतर पर चिंतन ४० | ५८. गौतम स्वामी का समाधान ३४. केशी-गौतम मिलन ४२ | ५६. केशीश्रमण की बारहवीं जिज्ञासा ३५. केशी स्वामी की प्रथम जिज्ञासा ४५ | ६०. गौतम स्वामी का समाधान ३६. गौतमस्वामी का समाधान
| ६१. केशी श्रमण की गौतमस्वामी के३७. कृतज्ञता प्रकाशन
प्रति कृतज्ञता ३८. केशीश्रमण की द्वितीय जिज्ञासा
| ६२. केशीश्रमण का वीरशासन प्रवेश ६८ । ३६. गौतमस्वामी का समाधान
६३. - धर्मचर्चा की फलश्रुति
६६ ४०. केशी द्वारा गौतम से तृतीय पृच्छा ५१
| ६४. उपसंहार ४१. गौतमस्वामी का समाधान
प्रवचन-माता नामक चौबीसवां ४२. केशीश्रमण की चतुर्थ जिज्ञासा ५३
अध्ययन ७१-४३ ४३. गौतमस्वामी का समाधान
| ६५. अष्ट प्रवचन माताओं के नाम . ७१ ४४.: केशी स्वामी की शंका
| ६६. ईर्या समिति का स्वरूप ७३ ४५.. शंका का निवारण
६७. चार प्रकार की यतना ४६. केशीश्रमण की पांचवीं जिज्ञासा ६८. भाषा समिति का स्वरूप ४७. केशीश्रमण की छठी जिज्ञासा
एषणा समिति ४८. गौतम स्वामी का समाधान ५६७०. आदान निक्षेप समिति ४६. केशीश्रमण की सातवीं जिज्ञासा ५७ | ७१. उच्चार-प्रस्रवण-खेल-सिंघाण५०. गौतमस्वामी का समाधान
जल्ल-परिष्ठापनिका समिति ५१. केशीश्रमणं की आठवीं जिज्ञासा ५६ | ७२. चार प्रकार की स्थंडिल भूमि ५२. गौतमस्वामी का समाधान
७३. स्थण्डिल के दस विशेषण ५३. केशी स्वामी की नौवीं जिज्ञासा ६०७४. तीन गुप्तियों का वर्णन ५४. गौतम द्वारा समाधान
| ७५. मनोगुप्ति का स्वरूप ५५. केशी श्रमण की दसवीं जिज्ञासा ६२ | ७६. वचन गुप्ति का स्वरूप ५६. गौतम का समाधान
६२ | ७७. कायगुप्ति का स्वरूप ५७. केशीश्रमणं की ग्यारहवीं जिज्ञासा ६४ | ७८. उपसंहार
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