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कला और सौन्दर्य यह एक प्राचीन क्षेत्र रहने के कारण यहाँ आसपास में अनेकों प्राचीन अवशेष पाये जाते है । मन्दिर के पास एक भोयरा है। उसमें से भी प्राचीन प्रतिमाएँ प्राप्त हुई हैं। तीर्थाधिराज प्रभु प्रतिमा की कला अति दर्शनीय है । यह प्रतिमा बालू की बनी हुई है व विलेपन किया हुआ है ।
मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन ऊना 5 कि. मी. व देलवाड़ा 27 कि. मी. हैं, जहाँ से आटो की सवारी उपलब्ध है । बस व कार मन्दिर तक जा सकती है ।
सुविधाएँ ठहरने के लिए धर्मशाला है, जहाँ पानी, बिजली, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र, भोजनशाला व भाते की सुविधा उपलब्ध है ।
पेढ़ी श्री अजाहरा पार्श्वनाथ पंचतीर्थ जैन कारखाना पेढ़ी, गाँव : अजाहरा, पोस्ट : देलवाड़ा -362 510. जिला : जूनागढ़, प्रान्त : गुजरात, फोन : 02875-21628 (अजाहरा), मुख्य पेढ़ी : ऊना - 362 560. फोन : 02875-22233.
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श्री अजाहरा पार्श्वप्रभु मन्दिर-अजाहरा
प्रतिष्ठा होने के बाद अभी तक 14 उद्धार हुए हैं । लेकिन प्रतिमा वही है, ऐसा उल्लेख है । एक समय विलेपन का कार्य करते वक्त पुजारी ने कारीगरों से आरती उतारकर बाद में काम प्रारंभ करने का अनुरोध किया । परन्तु कारीगर न माने व कार्य शुरू करने गये । तुरन्त तोप की आवाज जैसी अदृश्य आवाज आयी व मन्दिर में लाल रंग फैल गया । प्रतिमा भी लाल दीखने लगी। कहा जाता है ऐसी चमत्कारिक घटनाएँ अनेकों बार घटती रहती है। हमेशा अनेकों जैन-जैनेतर आते रहते है व प्रभु-प्रतिमा के न्हवण जल को अमृतजल मानकर उपयोग करते है, जिससे उनके रोगोंका निवारण होता है, ऐसा अनेकों
का अनुभव है । अभी दिनांक 17.9.78 रविवार के दिन एक और अपूर्व चमत्कार हुआ । श्री धरणेन्द्र देव, नागदेव के रूप में मन्दिर में प्रकट होकर प्रभु के सम्मुख ध्यानावस्था में तल्लीन हो गये। घंटों तक यह अद्भुत दृश्य रहा । इस दिव्य दर्शन का लाभ उपस्थित सैकड़ों भक्तजनों को प्राप्त हुआ । प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा, चैत्री पूर्णिमा व पौष कृष्णा 10 को मेला लगता है ।
अन्य मन्दिर वर्तमान में इसके अतिरिक्त और कोई मन्दिर नहीं है ।
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