Book Title: Tirth Darshan Part 3
Author(s): Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publisher: Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai

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Page 206
________________ श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान प्राचीन प्रतिमा-धारानगरी श्री शान्तिनाथ भगवान प्राचीन प्रतिमा-धारानगरी यहाँ के मणीभद्र बाबा की प्रतिमा अत्यन्त चमत्कारिक है इस क्षेत्र में मोतीबाबजी के नाम से विख्यात है। यहाँ जैन-जैनेतर सभी धर्मावलम्बी आकर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं । अन्य मन्दिर वर्तमान में यहाँ पर इसके अतिरिक्त 2 और मन्दिर है, व लगभग 2 कि. मी. दूरी पर नवनिर्मित श्री भक्तामर महातीर्थ अभ्युदय-धाम तीर्थ है । कला और सौन्दर्य यहाँ के मूलनायक भगवान व मन्दिर में विराजित अन्य प्राचीन प्रतिमाएँ अतीव कलात्मक, दर्शनीय व प्रभावशाली है, दर्शनमात्र से चित्त आनन्दित हो उठता है । श्री पार्श्वनाथ भगवान के मन्दिर में भी कुछ प्राचीन प्रतिमाएँ कलात्मक व दर्शनीय है । मार्ग दर्शन यहाँ से नजदीक के रेल्वे स्टेशन इन्दोर 65 कि. मी. मेघनगर 85 कि. मी. व रतलाम लगभग 90 कि. मी. दूर है, जहाँ पर टेक्सी व आटो की सवारी का साधन है । यहाँ से मांडवगढ़ 30 कि. मी. मोहनखेड़ा 40 कि. मी. भोपावर 35 कि. मी. व अमीझरा तीर्थ 25 कि. मी. दूर है । यहाँ का बस स्टेण्ड लगभग 1/2/2कि. मी. दूर है । गांव में टेक्सी व आटो की सवारी का साधन है । नजदीक का हवाई अड्डा इन्दोर है । सविधाएँ ठहरने के लिये वर्तमान में यहाँ से सिर्फ 2 कि. मी. दूर हाईवे पर श्री भक्तामर महातीर्थ अभ्यूदय-धाम नया तीर्थ है, जहाँ पर सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला व भोजनशाला की भी सुविधा उपलब्ध है । पेढ़ी 8 श्री आदीश्वर जैन श्वे. मन्दिर ट्रस्ट, महावीर मार्ग, बनियावाड़ी । पोस्ट : धार - 454 001. जिला : धार (म. प्रदेश), फोन : 07292-32245, 32563 घार 682

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