Book Title: Tirth Darshan Part 3
Author(s): Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publisher: Mahavir Jain Kalyan Sangh Chennai

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Page 224
________________ श्री वही पार्श्वनाथ तीर्थ प्रतिवर्ष पोष कृष्णा दशमी को मेले का आयोजन होता है । अन्य मन्दिर वर्तमान में इसके अतिरिक्त एक तीर्थाधिराज श्री वही पार्श्वनाथ भगवान, और मन्दिर है, जिसमें वर्तमान भूत व भविष्य के श्याम वर्ण, पद्मासनस्थ, लगभग 123 सें. मी. तीर्थंकरों की प्रतिमाएं एवं अधिष्टायक देव-देवियों की (श्वे. मन्दिर)। प्रतिमाएँ अतीव दर्शनीय हैं व एक भव्य दादावाड़ी है । तीर्थ स्थल वही गाँव में ।। कला और सौन्दर्य 8 यहाँ के मन्दिर व प्रभु प्राचीनता इस मन्दिर का निर्माण लगभग प्रतिमा की निर्माण शैली बिलकुल भिन्न प्रकार की रहने 1100 वर्ष पूर्व होने का उल्लेख है । प्रभु प्रतिमा के कारण अतीव शोभायमान व दर्शनीय है । लगभग 2000 वर्ष पूर्व की प्रतीत होती है । प्रतिमा मन्दिर के निकट ही एक तालाब है । उसमें खिले पर कोई लेख उत्कीर्ण नहीं है । कमल के फूल व पानी भूमीतल से सीधे मन्दिर तक ___ मन्दिर निर्माण के पश्चात् अभी तक कोई जीर्णोद्धार । आने की व्यवस्था थी । ऐसा कहा जाता है । होने का उल्लेख नहीं है । इतना प्राचीन मन्दिर होते मार्ग दर्शन नजदीक के रेल्वे स्टेशन पिपलिया हुवे भी अभी तक जीर्णोद्धार की आवश्यकता नहीं पड़ना कोई दैविक शक्ति का ही कारण है । इस तरह का लगभग 5 कि. मी. व मन्दसौर 15 कि. मी. दूर है, उल्लेख बहुत ही कम जगह पाया जाता है । जहाँ से आटो व बस की सुविधा है । मन्दिर तक जीर्णोद्धार की अभी भी कोई आवश्यकता नजर नहीं पक्की सड़क है । बस भी मन्दिर तक जा सकती है। आ रही है । सविधाएँ ठहरने हेतु मन्दिर के निकट ही विशिष्टता मन्दिर निर्माण शैली प्राचीन किले सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला हैं, जहाँ भोजनशाला व भाते के आकार जैसी है जो प्राचीनता प्रमाणित करती है। की भी व्यवस्था है । ___बालु से निर्मित प्रभु प्रतिमा की निर्माण शैली भी पेढ़ी श्री वही पार्श्वनाथ श्वे. जैन मन्दिर पेढ़ी, बिलकुल भिन्न प्रकार की हैं, वैसी अन्यत्र कहीं नहीं। पोस्ट : वही पार्श्वनाथ - 458 664. है । एक हजार वर्ष से पूर्व का मन्दिर होते हुवे भी स्टेशन : पिपल्यामण्डी, जिला : मन्दसोर (म.प्र.), अभी तक जीर्णोद्धार नहीं होना भी मुख्य विशेषता है। फोन : 07424-41430, पी.पी. 41035. श्री वही पार्श्वनाथ जिनालय 700

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