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श्री तालनपुर तीर्थ
तीर्थाधिराज श्री आदिनाथ भगवान, फिरोजा वर्ण, पद्मासनस्थ, लगभग (107 सें. मी.) (श्वे. मन्दिर)। तीर्थ स्थल 8 नगर कुक्षी के निकट ।
प्राचीनता ॐ इस स्थान के प्राचीन नाम तारापुर, तारणपुर तथा तुंगियापत्तन आदि थे । श्वेताम्बर मन्दिर की एक प्रतिमा पर विक्रम सं. 612 चैत्र शुक्ल 5 सोमवार को आचार्य जगचन्द्र सूरीश्वरजी के हाथों धन कुबेर शाहचन्द्र द्वारा प्रतिमा प्रतिष्ठित कराने का उल्लेख मिलता है । इस सम्बन्ध में यह भी कहा जाता है कि विक्रम सं. 1898 में एक किसान को खेत में भूगर्भ से प्राचीन प्रतिमाएँ प्राप्त हुई जिन्हें श्वेताम्बर और दिगम्बर बंधुगण द्वारा अलग-अलग सम्बन्धित नवनिर्मित मन्दिरों में प्रतिष्ठित किया गया ।
निकट ही नगर कुक्षी में श्री पार्श्वनाथ भगवान का श्वेताम्बर मन्दिर है जहाँ की प्रतिमाजी पर उत्कीर्ण लेख के अनुसार शासन, प्रभावक आचार्य श्री बप्पभट्टसूरिजी ने विक्रम संवत् 1022 में गोड़ी पार्श्व प्रभु की प्रतिमा को प्रतिष्ठित करवाया था । यह प्रतिमा भी यहाँ (तालनपुर) एक बावड़ी में से विक्रम संवत् 1928 में चमत्कारिक घटनाओं के साथ प्रकट हुई थी। इन सब से यह सिद्ध होता है कि यह क्षेत्र अति प्राचीन है ।
विशिष्टता यहाँ की प्रतिमाएँ जिस पाषाण की बनी हैं वैसे रंग की मजबूत प्रतिमाएँ अन्यत्र दुर्लभ हैं। माण्डवगढ़ के मंत्री पैथड़ शाह द्वारा 13वीं सदी में यहाँ मन्दिर निर्माण करवाने का वर्णन मिलता है । 16वीं सदी में परमदेवसूरि जी ने यहाँ पर चतुर्मास कर के श्री महावीर जिन श्राद्धकुलक नामक ग्रंथ लिखा था । इससे यह पता चलता है कि यहाँ शताब्दियों पूर्व शताब्दियों तक जैन नगरी रही होगी । यहाँ अनेकों प्राचीन बावड़ियाँ हैं और विशाल तालाब हैं । __ कुक्षी नगर में विराजित प्राचीन प्रभावशाली गोड़ी पार्श्वनाथ भगवान की नीलवर्ण प्रतिमा के चक्षु व तिलक प्रतिमा के अन्दर ही जुड़े हुए हैं जो उस की विशेषता है । उस प्रतिमा की पुनः प्रतिष्ठापना श्रीमद्
आचार्य श्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी के हार्थों, विक्रम सं. 1950 में हुई थी । चैत्री पूर्णीमा व कार्तिक पूर्णिमा को यहाँ मेला लगता है जब हजारों भक्तगण इकट्ठे होकर प्रभु भक्ति का लाभ लेते हैं ।
अन्य मन्दिर 8 वर्तमान में इसके अतिरिक्त निकट ही एक दिगम्बर मन्दिर हैं ।
कला और सौन्दर्य यह एक प्राचीन व ऐतिहासिक स्थान होने के कारण यहाँ पर अनेकों सुन्दर कलात्मक अवशेष मन्दिरों में व गाँव के आस पास जंगल में नजर आते है ।
मार्ग दर्शन 8 तीर्थ स्थल से निकट का रेल्वे स्टेशन महु लगभग 161 कि. मी. की दूरी पर है । नजदीक का बड़ा गाँव कुक्षी जो खण्डवा-बड़ौदा मार्ग पर 5 कि. मी. की दूरी पर हैं,जहाँ से बस, टेक्सी की सुविधा है। मन्दिर तक पक्की सड़क है । यहाँ से बड़ौदा लगभग 200 कि. मी. इन्दौर 175 कि. मी, लक्षमणी 40 कि. मी. व मोहनखेड़ा 40 कि. मी. दूर
मन्दिर का बाह्य दृश्य-तालनपुर
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