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तीन मन्दिर विद्यमान हैं । कलिकुण्ड पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा अति ही चमत्कारिक है।
अन्य मन्दिर वर्तमान में इसके अतिरिक्त तीन मन्दिर और हैं ।
कला और सौन्दर्य इस प्रतिमा के अंग-प्रत्यंग के रेखांकन में भी अनोखी कला है । यदि कुछ क्षणों के लिए निर्निमेष दृष्टी से देखा जाय तो ऐसा आभास होता है, मानों भगवान मधुर स्मित के साथ भक्तों को उपकृत कर रहे हों । यहाँ और भी प्राचीन कलात्मक प्रतिमाएँ अति दर्शनीय है । शहर में भी जगह-जगह अवशेषों में कला के नमूने दिखायी देते हैं ।
मार्ग दर्शन यहाँ का रेल्वे स्टेशन धोलका एक कि. मी. है, जहाँ से टेक्सी व आटो का साधन है । यह स्थान बड़ोदा-पालीताना मार्ग पर स्थित है । यहाँ का बस स्टेण्ड मन्दिर से सिर्फ 200 मीटर है । मन्दिर तक कार व बस जा सकती है । गाँव में रिक्शों की सवारी का साधन है । यहाँ से अहमदाबाद 40 कि. मी. दूर है ।
सुविधाएँ 48 ठहरने के लिए सर्वसुविधायुक्त विशाल
धर्मशाला व ब्लॉक है, जहाँ पर भोजनशाला की भी श्री कलिकुण्ड पार्श्वनाथ भगवान-धोलका सुविधा है ।
पेढ़ी 8 श्री तेजपाल वस्तुपाल जैन चैरीटेबल ट्रस्ट, थी, जो उल्लेखनीय है । दादा गुरु ने हजारों व्यक्तियों । कलिकुण्ड तीर्थ, को उपदेश देकर जैन धर्म का अनुयायी बनाया व धर्म
पोस्ट : धोलका -387810. प्रचार, प्रसार व उत्थान के जगह-जगह जो कार्य किये,
जिला : अहमदाबाद, प्रान्त : गुजरात, वे जैन इतिहास में अमर रहेंगे ।
फोन : 079-3421738 व 3421218. ___ नवांगी टीकाकार श्री अभयदेवसूरीश्वरजी, श्री वादीदेवसूरीश्वरजी, श्री चन्द्रप्रभसूरीश्वरजी, श्री जिनचन्द्रसूरीश्वरजी आदि अनेकों आचार्यों द्वारा यहाँ पदार्पण करके अनेकों धार्मिक कार्य करवाने का उल्लेख
Naroda है । सं. 1190 में श्री जिनचन्द्रसूरीश्वरजी ने of Godhavio 8
760 AHMADABAD Aa 'आख्यानमणि-कोश' की रचना यहां यशोनागवसती में
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Sarkhe प्रारंभ करके अच्छुप्तवसति में पूर्ण की थी । ऐसे विभिन्न o Rethar आचार्यों द्वारा अनेकों ग्रन्थों की यहाँ रचनाएँ करने का
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o Kanij Shodasar Sihuj उल्लेख मिलता है । वि. सं. 1276 में श्री वस्तुपाल तेजपाल की महाराजा वीरधवल के मंत्री पद पर यहीं
Nayagan MEHMEDABAD पर नियुक्ति हुई थी । इनके मंत्री पद काल में इनके
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Limbasi द्वारा अनेकों जिन मन्दिर बनवाये गये। आज सिर्फ ADABA
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