________________
सुताग़मे
६७७
"
दंसणी उववजंति, एवं ओहिदंसणीवि, एवं आहारसन्नोवउत्तावि जाव परिग्गहसन्नोव - उत्तावि, इत्थीवेयगा न उववज्र्जति पुरिसवेयगावि न उववजंति, जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा नपुंसगवेयगा उववजंति, एवं कोहकसाई जाव लोभकसाई, सोइंदियउवउत्तान उववजंति एवं जाव फासिंदिओवउत्तान उववजंति, जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा नोइंदिओवउत्ता उववज्जंति, मणजोगी ण उववज्जंति, एवं वइजोगीवि, जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेण संखेजा कायजोगी उववजंति, एवं सागारोवउत्तावि एवं अणागारोवउत्तावि ॥ इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएसु एगसमएणं केवइया नेरइया उववहंति, केवइया काउलेस्सा उववहंति जाव केवइया अणागारोवउत्ता उव्वहंति ? गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावाससयसहस्सेसु 'संखेज्ज वित्थडेसु नरएस वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा नेरइया उववहृति, एवं जाव सन्नी, असन्नी उव्वहंति, जहन्नेणं - एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा भवसिद्धिया उव्वति एवं जाव सुयअन्नाणी विभंगनाणी ण उववर्हति, चक्खुदंसणी ण उव्वट्टंति, जहनेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा, अचक्खुदंसणी उव्वट्टंति, एवं जाव लोभकसाई, सोइंदियउवउत्ताण, उव्वति एवं जाव - फ़ासिंदियोवउत्ता न उव्वति, जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिंन्नि वा उक्कोसेणं संखेजा नोइंदियोवउत्ता उव्वति, मणजोगी न उब्वति एवं वइजोगीवि, जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्निवा उक्नोसेणं संखेज्जा कायजोगी उव्वहंति, एवं सागारोवउत्तावि अणा गारोवउत्तावि ॥ इमीसे
एगसमएगं- जहन्नेणं एको
भंते 1 रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावास सयसहस्सेसु संखेज़वित्थडेसु नरएसु केवइया नेरइया पन्नत्ता ? केवइया काउलेस्सा प० जाव केवइया अणांगारोवउत्ता पन्नत्ता ? केवइया, अणंतरोववन्नगा पन्नत्ता - १ ? केवइया परंपरोववन्नगा पन्नत्ता २ केवइया अणंतरोगाढा पन्नत्ता ३ ? केवइया परंपरोगाढा प० ४ ? केवइया अनंतराहारा - प० ५ ? केवइया परंपराहारा प० ६ ? केवइया अणंतरपजत्ता प० ७ १ केवइया परंपरपज़त्ता - पन्नत्ता ८ ? केवइया चरिमा प० ९ ? केवइया अचरिमा प० १० ? गोयमा ! इमीसे- रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावास सय सहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएस संखेजा नेरइया प०, संखेजा काउलेस्सा प०, एवं जाव संखेजा सन्नी प०, असन्नी सिय-अत्थि सिय नत्थि जइ अत्थि जहन्नेणं एक्लो वा दो वा तिन्नि, वा टक्कोसेणं संखेज्जा प०, संखेजा भवसिद्धिया प०, एवं जाव संखेज्जा परिग्गहसन्नो उत्ता प०, इत्थवेयगा नत्थि पुरिसवेयगा तत्थि, संखेजा नपुंसगवेयगा प०, एवं कोहकसा
वि०
० प्र० स० १३ उ० १ ]
-
1