Book Title: Suttagame 01
Author(s): Fulchand Maharaj
Publisher: Sutragam Prakashan Samiti

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Page 1306
________________ सुत्तागमे [विवागसुर्य १२५४ २ त्ता अव-ओड-यवंधणं करेइ २ त्ता एएणं विहाणेणं वज्झं आणावेइ, एवं खलु गोयमा ! उज्झियए दारए पुरापोराणाणं कम्माणं जाव पचणु-भवमाणे विहरइ ॥ १२ ॥ उज्झियए णं भंते ! दारए इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहि० कहि उववजिहिइ ? गोयमा ! उज्झियए दारए पणवीसं वासाइं परमाउयं पालइत्ता अजेव तिभागावसेसे दिवसे सूलीभि-ने कए समाणे कालमासे कालं किचा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए नेरइयत्ताए उववजिहिइ, से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे वेयडगिरिपायमूले वा-णरकुलंति वाणरत्ताए उववजिहिइ, से णं तत्थ उम्मुक्कवालभावे तिरियभो(ए)गेतु मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोवव-ने जाए जाए वा-णरपेल्लए वहेइ तं एयकम्मे [एयप्पहाणे एयविने एयसमुदायारे] कालमासे कालं किच्चा इहेव जंबुद्दीवे दीवे भार(ह)हे वासे इंदपुरे नयरे गणियाकुलंसि पुत्तत्ताए पचायाहिइ, तए णं तं दार(गं)यं अम्मापियरो जाय(मि)मेत्तकं बद्धेहिंति नपुंसगकम्मं सिक्खावेहिति, तए णं तस्स दार-यस्स अम्मापियरो निव्वत्तवारसाहस्स इमं एयात्वं नामधे क(रेहि)रेंति तं०-हो(ऊ)उ णं [अम्हं इमे दारए] पियसेणे नामं नपुंसए, तए णं से पियसेणे नपुंसए उम्मुक्कबालभावे जोव्वगगमणुप्पत्ते विण्(णा)णयपरिणय-मेत्ते स्वेण य जोव्वणेण य लावण्गेण य उकिडे उकिसरीरे भविस्सइ, तए णं से पियसेणे नपुंसए इंदपुरे नयरे वहवे राईसर जाव पभि(इ-य)ईओ वहूहि य विजाप[यो]ओगेहि य मंतचुण्णेहि य हियउड्डावणाहि य निण्हवणेहि य पण्हवणेहि य वसीकरणेहि य आभि-ओगिएहि य अभि-ओगित्ता उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरिस्सइ, तए णं से पियसेणे नपुंसए एयकम्मे० सुवहुं पावकम्मं समजिणित्ता ए-कवीसं वाससयं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए नेरइयत्ताए उववजिहिइ, त(ओ), त्तो सरीस(सिरिसि)वेसु सुंसुमारे तहेव जहा पढमो जाव पुढवि० से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे चंपाए नयरीए महिसत्ताए पञ्चायाहिइ, से गं तत्थ अ-नया कया-इ गोहिल्लएहिं जीवि(आ)याओ ववरोविए समाणे तत्थेव चंपाए नयरीए सेट्टिकुलंसि पुत्तत्ताए पचायाहिइ, से णं तत्य उम्मुक्कवालभावे तहाख्वाणं थेराणं अंतिए केवलं बोहिं""अणगारे सोहम्मे कप्पे जहा पढमे जाव अंतं करेहिइ ॥ निक्खेवो ॥ १३ ॥ विइयं अज्झयणं समत्तं ॥ ___ तच्चस्स उक्खेवो एवं खलु जंवू ! तेणं कालेगं तेणं समएणं पुरिमताले नामं नयरे होत्था रिद्ध०, तस्स णं पुरिमतालस्स नयरस्स उत्तरपुर-त्थिमे दिसीभाए एस्थ णं अमोहदसणे उजाणे होत्या, तत्थ णं पुरिमताले () म(ह)हावले नाम

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