Book Title: Suttagame 01
Author(s): Fulchand Maharaj
Publisher: Sutragam Prakashan Samiti

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Page 1303
________________ जाव वसभाण य आप गोमंडवे तेणेव उवाइ २ [त्ता] गइयाणं कंवले सु० १ भ०२] सुत्तागमे लावणए)णेहि य सुरं च ६ आसाएमाणी[ओ] ० दोहलं वि(णिं)णेति, तए णं अहं देवाणुप्पिया! तंसि दोहलंसि अविणिजमाणंसि जाव झियामि । तए णं से भी(म)मे कूडग्गा-हे उप्पलं भारियं एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिया ! ओहय० झियाहि, अहं णं (तं) तहा करिस्सामि जहा णं तव दोहलस्स संपत्ती भविस्सइ, ताहिं इटाहिं ५ जाव वग्गूहि समासासेइ, तए णं से भी-मे कूडग्गा-हे अद्धरत्तकालसमयसि एगे अवीए संनद्ध जाव पहरणे सया(सा)ओ गिहाओ निग्गच्छइ २ [त्ता] हत्यिणाउ(1)रे नयरे मज्झमज्झेणं जेणेव गोमंडवे तेणेव उवाग(-२ त्ता)ए वहणं न-गरगो-रूवाणं जाव वसभाण य अप्पेगइयाणं ऊहे छिंदइ जाव अप्पेगइयाणं कंवले छिंदइ अप्पेगइयाणं अ-नम-नाणं अंगोवंगाणं वियंगेइ २ त्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता उप्पलाए कूडग्गा-हिणीए उवणेइ, तए णं सा उप्पला भारिया तेहिं वहूहिँ गोमंसेहि य सोल्ले(सूले)हि य सुरं च [५] आसाएमा० तं दोहलं विणेइ, तए णं सा उप्पला कूडग्गा(ही-)हिणी संपुण्णदोहला संमाणियदोहला विणीयदोहला वोच्छिन्नदोहला संप-नदोहला तं गम्भं सुहंसुहेणं परिवहइ, तए णं सा उप्पला कूडग्गाहिणी अन्नया कया(इं.)इ नवण्हं मासाणं वहुपडिपुण्णाणं दार-गं पयाया ॥ ९॥ तए णं तेणं दारएणं जाय-मेत्तेणं चेव महया महया सद्देणं विधुढे विसरे आरसिए, तए णं तस्स दारगस्स आरसियसई सोचा निसम्म हस्थिणाउरे नयरे वहवे न-गरगो-रूवा जाव वसभा य भीया""उविग्गा सव्वओ समंता विप्पलाइत्था, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो अयमेयारूवं नामधेनं करेंति, जम्हा णं अम्(हे)हं इमेणं दारएणं जायमेत्तेणं चेव महया महया चिच्चीसदेणं विधुढे विस्सरे आरसिए तए णं एयस्स दारगस्स आरसि(यं)यसई सोचा निसम्म हथिणाउरे वहवे न-गरगो-रूवा जाव भीया ४ सव्वओ समंता विप्पलाइत्था तम्हा णं होउ अम्हं दारए गोत्तासए नामेणं, तए णं से गोत्ता(से)सए दारए उम्मुक्कबालभा० जाए यावि होत्था, तए णं से भी-मे कूडग्गाहे अन्नया कया(ई-इं)इ कालधम्मुणा संजुत्ते, तए णं से गोत्तासे दारए व(ह)हुएणं मित्त-नाइनियगसयणसंबंधिपरि(ज)यणेण सद्धिं संपरिखुडे' रोयमाणे कंदमाणे विलवमाणे भीमस्स कूडग्गा(हि)हस्स नीहरणं करेइ २ [त्ता] वहूइं लोइयमय(कज्जा)किच्चाई करेइ, तए णं से सु-नंदे राया गोत्तासं दारयं अन्नया कयाइ सयमेव कूडग्गा हत्ताए ठा(ठ)वेइ, तए णं से गोत्तासे दारए कूडग्गाहे जाए यावि होत्या अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे, तए णं से गोत्तासे दारए कूडग्गा(हे)हित्ताए कल्लाकल्लिं अद्धर(त)त्तियकालसमयंसि एगे अबीए संनद्धबद्धकवए जाव गहि(आ)याउह[]पहरणे सया-ओ

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