Book Title: Suttagame 01
Author(s): Fulchand Maharaj
Publisher: Sutragam Prakashan Samiti
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सुत्तागमे
११६४
[अंतगडदसामो वणे उज्जाणे ज(अ)हा जाव विहरइ परिसा निग्गया, तए णं तस्स अणीयसस्स (कु०) तं (म०) जहा गोयमे तहा नवरं सामाइयमाइयाई चोइस-पुव्वाइं अहिज्जइ वीसं वासाइं परियाओ सेसं तहेव जाव सेत्तुळे पव्वए मासियाए संलेहणाए जाव सिद्धे (५) । एवं खलु जंबू! समणेणं[.] अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स पढम-अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, एवं जहा अणीयसे एवं सेसा-वि अणं. तसे(णो)णे जाव सत्तुसेणे छ-अज्झयणा ए(ग)कगमा बत्तीसओ दाओ वीसं वासा परियाओ चोइस [पु.] सेत्तुञ्जे (जाव) सिद्धा ॥ छट्ठमज्झयणं समत्तं ॥ ४ ॥ (ज०. णं० भ० उ० स०) तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवईए नयरीए जहा पढ(मे नवर)मं वसुदेवे राया धारिणी देवी सीहो सुमिणे सारणे कुमारे पण्णासओ दाओ चोइस पुव्वा वीसं वासा परियाओ सेसं जहा गोयमस्स जाव सेत्तुजे सिद्धे ॥ ५॥ जइ[0] उक्खेव]ओ अट्ठमस्स एवं खलु जंवू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वारवईए नयरीए जहा पढमे जाव अरहा अरिठ्ठणेमी सामी समोसढे। तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतेवासी छ अणगारा भायरो सहोदरा होत्था सरिसया सरित्तया सरिव्वया नीलुप्पलगुलियअयसिकुसुमप्पगासा सिरिवच्छंकियवच्छा कुसुम कुंडलभद्दलया नलकु(व्व)ब्बरसमाणा, तए णं ते छ अणगारा जं चेव दिवसं मुंडा भवेत्ता अ(आ)गाराओ अणगारियं पव्वइया तं चेव दिवसं (अरह) अरिहणेमि वंदंति णमंसंति वं० २ त्ता एवं वयासी-इच्छामो णं भंते ! तुन्भेहिं अन्भणुण्णाया समाणा जावज्जीवाए छलुछट्टेणं अणिक्खित्तेणं तवकम्मसंजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरित्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिवंधं करेह, तए णं (ते) छ अणगारा अरहया अरिट्ठणेमिणा अब्भणुण्णाया समाणा जावज्जीवाए छटुंछटेणं जाव विह(रे)रंति, तए णं-छ अणगारा अण्णया कयाई छक्खमणपार(णं)णयंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेंति ज(ह)हा गोय(मसा०)मो जाव इच्छामो णं (भं०) छठक्खमणस्स पार(णा)णए तुम्भेहिं अब्भणुण्णाया समाणा तिहिं संघाडएहिं बारवईए नयरीए जाव अडित्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह, तए णंछ अणगारा अरहया अरिट्ठणेमिणा अन्भणुण्णाया समाणा अरहं अरिठ्ठणेमि वंदति नमसंति वं० २ त्ता अरहओ अरिट्ठणेमिस्स अंतियाओ सह(स)संबवणाओ (०) पडिणि क्खमंति २ त्ता तिहिं संघाडएहिं अतुरियं जाव अडंति, तत्थ णं एगे संघाडए बारवईए नयरीए उच्चणीयमज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमा. णे (२) वसुदेवस्स रण्णो देवईए देवीए गेहे अणुपविटे, तए णं सा देवई देवी ते अणगारे एज्जमाणे पासइ पा(सइ)सेत्ता हट्ठ जाव हियया आसणाओ अब्भुट्टेइ २

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