Book Title: Suttagame 01
Author(s): Fulchand Maharaj
Publisher: Sutragam Prakashan Samiti

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Page 1255
________________ सुत्तागमे म. ] १२०३६ दुस्सहेसु य अत्ताणासरणकडयदुक्खपरितावणेसु अणुबद्धनिरंतरवेयणेसु जमपुरिससंकुलेसु, तत्थ य अन्तोमुहुत्तलद्धिभवपञ्चएणं निव्वत्तेति उ ते सरीरं हुंडं बीभच्छदरिसणिज बीहणगं अहिण्हारुणहरोमवज्जियं असुभ-गंध-दुक्खविसह, ततो न्य पजत्तिमुवगया इंदिएहिं पंचहिं वेदेति असुभाए वेयणाए उज्जलवलविउलउक्कडक्खरफरुसपयंडघोरबीहणगदारुणाए, किं ते ?, कंदुमहाकुंभियपयणपउलणतवगतलणभट्ठभजणाणि य लोहकडाहुकडणाणि य कोट्टवलिकरणकोट्टणाणि य सामलि'तिक्खग्गलोहकंटकअभिसरणपसारणाणि फालणविदालणाणि य अवकोडकवंधणाणि 'लट्ठिसयतालणाणि य गलगबलुलंबणाणि सूलग्गभेयणाणि य आएसपवंचणाणि खिसणविमाणणाणि विघुट्ठपणिजणाणि वज्झसयमातिकाति य एवं ते । पुव्वकम्मकयसंचयोवतत्ता निरयरिंगमहग्गिसंपलित्ता गाढदुक्खं महब्भयं कक्कसं असायं सारीरं मानसं च तिव्वं दुविहं वेदेति वेयणं पावकम्मकारी बहूणि पलिओवमसागरोवमाणि कलुणं पालेन्ति ते अहाउयं जमकातियतासिता य सदं करेंति भीया, किं ते ?, अविभायसामि(माम)भायवप्पतायजितवं मुय मे मरामि दुब्बलो चाहिपीलिओऽहं किं दाणिऽसि ? एवंदारुणो णिय मा देहि मे पहारे उस्सासेतं (एय) मुहुत्तयं मे देहि पसायं करेहि मा रुस वीसमामि गेविजं मु(च)य[ह] मे मरामि, गाढं तण्हातिओ अहं देह पाणीयं हंता पिय इमं जलं विमलं सीयलंति घेत्तूण य नरयपाला तवियं तउयं से देंति कलसेण अंजलीसु दह्ण य तं पवे[पि] वियंगोवंगा अंसुपगलंतपप्पुयच्छा छिण्णा तण्हाइयम्ह कलुणाणि जपमाणा विपेक्खन्ता दिसो"दिसिं अत्ताणा असरणा अणाहा अवंधवा वंधुविप्पहूणा विपलायति य मिगा इव वेगेण भयुब्बिग्गा, घेत्तण वला पलायमाणाणं निरणुकंपा मुहं विहाडेत्तुं लोहडंडेहिं कलकलं ण्हं वयणसि छुभंति केइ जमकाइया हसंता, तेण दड्डा संतो रसंति य भीमाई विस्सराई रुवंति य कलुणगाई पारेवतगाव एवं पलवितविलावकलुणाकंदियबहुरुन्नरुदियसद्दो परि[वे]देवितरुद्धवद्धयनारकारवसंकुलो णीसठ्ठो रसियभणियकुविउक्कूइयनिरयपालतजिय गेण्ह-कम पहर छिंद भिंद उप्पाडेहुक्खणाहि कत्ताहि विकत्ताहि य भुजो हण विहण विच्छुभोच्छुब्भ आकड विकद किं ण जंपसि ? सराहि पावकम्माइं दुक्कयाइं एवं वयणमहप्पगब्भो पडिसुयासहसंकुलो तासओ सया निरयगोयराण महाणगरडज्झमाणसरिसो निग्घोसो सु[च]व्वए अणिटो तहियं नेरइयाणं जाइज्जताणं जायणाहिं, कि ते?, असिवणदब्भवणजंतपत्थरसूइतलक्खारवाविकलकलन्तवेयर णिकलंववालुयाजलियगुहनिरंभणउसिणोसिणकंटइलदुग्गमरहजोयणतत्तलोहमग्गगमणवाहणाणि, इमेहिं विविहेहिं, आयुहेहिं कि ते ? मोग्गरमुसुं

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