Book Title: Suttagame 01
Author(s): Fulchand Maharaj
Publisher: Sutragam Prakashan Samiti
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सुत्तागमे
१२०७
भलियं-पयावइणा इस्सरेण य कयंति केति, एवं विण्डमयं कसिणमेव य जगंति केई, एवमेके वदंति मोसं एको आया अकारको वेदको य सुकयस्स दुकयस्स य करणाणि कारणाणि सव्वहा सव्वहिं च निचो य निक्किओ निग्गुणो य अ(नो अ)णुवलेब
ओत्ति-विय एवमाहंतु असम्भावं, जंपि इहं किंचि जीवलोके दीसइ सुकयं वा दुकयं वा एवं अदिच्छाए वा सहावेण वावि दइवतप्पभावओ वावि भवति, नत्थेत्थ किंचि कयकं [तत्त] क्यं च लक्खणविहाणनियती[ए]य कारि[य]या एवं केइ जंपति इड्डिरससातगारवपरा वहवे करणालसा परुति धम्मवीमंसएण मोसं, अवरे अहम्मओ रायदुटुं अन्भक्खाणं भणेति-अलियं चोरोत्ति अचोरयं करेंतं डामरिउत्तिवि-य एमेव उदासीणं दुस्सीलोति य परदारं गच्छतित्ति मइलिंति सीलकलियं अयंपि गुरुतप्पओ, अण्णे एमेव भणति उवाहणंता मित्तकलत्ताई सेवंति अयंपि लुत्तधम्मो इमोवि विस्संभावाइघायओ पावकम्मकारी अकम्मकारी अगम्मगामी अयं दुरप्पा बहुएसु य पा(प)वगेसु जुत्तोत्ति एवं जंपति मच्छरी, भद्दके वा गुणकित्तिनेहपरलोगनिप्पिवासा, एवं ते अलियवयणदच्छा परदोसुप्पायणप्पसत्ता वेढेन्ति अक्खातियवीएण अप्पाणं कम्मबंधणेण मुहरी असमिक्खियप्पलावा निक्खेवे अवहरंति परस्स अत्यंमि गढियगिद्धा अभिजुजति य परं असंतएहि लुद्धा य करेंति कूडसक्खित्तणं असच्चा अत्यालियं च कन्नालियं च भोमालियं च तह गवालियं च गरुयं भणति अहरगतिगमण (कारण), अन्नंपि य जातिरुवकुलसीलपच्चयं मायाणिगुणं चवल पिसुणं परमट्ठभेदक[स]संतकं विद्देसमणत्थकारकं पावकम्ममूलं दुद्दिडं दुस्सुयं अमुणियं निल्लनं लोकगरहणिज्ज वहवंधपरिकिलेसबहुलं जरामरणदुक्खसोयनिम्मं असुद्धपरिणामसंकिलिटुं भणंति अलिया (हिं)हिंस(ति)धिसंनिविट्ठा असंतगुणुदीरका य संतगुणनासका य हिंसाभूतोवघातितं अलियसंपत्ता वयणं सावजमकुसलं साहुगरहणिजं अधम्म जणणं भणति अणभिगयपुन्नपावा, पुणोवि अधिकरणकिरियापवत्तका वहुविहं अणत्यं अवमई अप्पणो पररस य करेंति, एमेव जंपमाणा महिससूकरे य साहिति घायगाणं ससयपसयरोहिए य साहिति वागुराणं तित्तिरवट्टकलावके य कविजलकवोयके य साहिति साउणीणं असमगरकच्छभे य साहिति मच्छियाणं संखके खुल्लए य साहिति म(ग्गि). गराणं अयगरगोणसमंडलिदव्वीकरे मउली य साहिति वा(यलिया)लवीणं गोहा सेहग सल्लगसरड[गे]के य साहिति लुद्धगाणं गयकुलवानरकुले य साहिति पासियाणं सुकबरहिणमयणसालकोइलहंसकुले सारसे य साहिति पोसगाणं वधबंधजायणं च साहिति गोम्मियाणं धणधनगवेलए य साहिति तकराणं गामागरनगरपट्टणे य साहिति चारियाणं पारघाइयपंथघातियाओ सा(ह)हिंति य गंठिभेयाणं कयं च चोरिय

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