Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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वर्ष
ई० सन् १९५३ १९५३ १९५३ ।।
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पृष्ठ १७-२१ २४-२९ १-६ ७-११ १३-१९ २१-२४ २५-३१ ३५-३७
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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० हजारी प्रसाद द्विवेदी श्री सुबोध कुमार जैन डॉ० इन्द्र डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल डॉ० विनयतोष भट्टाचार्य श्री जयभिक्खु डॉ० इन्द्र डॉ० इन्द्र डॉ० हजारी प्रसाद द्विवेदी श्री जयभिक्खु श्री महेन्द्र राजा डॉ० इन्द्र पं० दलसुख मालवणिया डॉ० इन्द्र श्री जयभिक्खु डॉ० इन्द्र (लेखक का नाम नही हैं) डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल
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लेख घर जोड़ने की माया धर्म का मर्म आचारांग की दार्शनिक मान्यतायें प्राचीन मथुरा में जैनधर्म का वैभव जैनमूर्तिकला अहमदाबाद के भामाशाह सिद्धसेन दिवाकर (क्रमश:) जैन आगमों का मन्थन अपभ्रंश के जैन साहित्य का महत्त्व कुभार्या जैन लोक साहित्य : एक अध्ययन सिद्धसेन दिवाकर मलधारी अभयदेव और हेमचन्द्राचार्य मेरी बम्बई यात्रा शिष्य मोह जैन आगमों का मंथन आचार्य जिनभद्र जैनसाहित्य के इतिहास निर्माण के सूत्र
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४-१२ १३-२८ २९-३५ १-१० ११-१५ १६-२८ २९-३० २-१० ११-१६
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