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शिक्षाप्रद कहानिया यह सब सुनकर पिता ने कहा- 'अच्छा! एक काम करो मैं इसको एक कार खरीद देता हूँ और एक ड्राइवर भी रख देता हूँ। यह कार से रोज स्कूल आया-जाया करें।'
लेकिन वे दोनों नहीं माने और बोले- 'चाहिए तो मोटर साईकल चाहिए और कुछ नहीं।
अब आप ही बताइए क्या पिता लालची था? लालची होता तो क्या वह 60 हजार की मोटर साईकल के बदले में पाँच लाख की गाड़ी खरीदता? और अन्त में पिता, पत्नी और बेटे की जिद्द के आगे हार गया और उन्होंने बेटे को मोटर साइकल दिलवा दी। और अब वह खूब मोटर साइकल चलाने लगा। लड़के की युवावस्था थी इस अवस्था में जोश अधिक होता है लेकिन, होश कम रहता है। एक दिन वह लड़का खूब जोश में गाड़ी बहुत तेज चला रहा था कि अचानक दूसरी तरफ से उसके सामने सब्जी से लदा हुआ एक ट्रक आ गया और मोटर साईकल उससे टकरा गई। जिससे लड़के की टाँग टूट गई और वो जीवन भर के लिए अपाहिज हो गया।
एक दूसरी घटना है- दिल्ली के गोविन्दपुरी क्षेत्र की। एक लड़के की सगाई होने वाली थी। लड़की वाले घर पहुँच गए थे। घर में खूब हर्षोल्लास था। लड़का भी सगाई के लिए तैयार हो रहा था। तभी लड़के ने देखा कि सूट के साथ टाई नहीं है। बस इतनी-सी बात की खातिर वह आग-बबूला हो गया और माँ-बाप से झगड़ पड़ा और बोला'मैं अभी जाता हूँ और पहले टाई लेकर आता हूँ। माँ-बाप ने बहुत समझाया कि बेटा टाई के बिना भी काम चल जाएगा। ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन, लड़का था जिद्दी, नहीं माना और उसी तरह गुस्से में उठाई मोटर साइकल और बिना हैलमेट लगाए ही निकल पड़ा घर से। पहले तो घर से निकलते ही कुछ दूरी पर उसे पुलिस वालों ने रोक लिया, जिससे उसका पारा और भी चढ़ गया। खैर, पुलिस वालों ने तो उसे किसी तरह छोड़ दिया, लेकिन कुछ ही दूर चलने पर उसका एक बस के साथ भयंकर एक्सीडेंट हो गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।