________________
शिक्षाप्रद कहानिया
119 कुछ दिन बाद फिर एक विचित्र बात हुई और वह यह हुई कि किसान की पत्नी अपने खेतों को देखने गयी। तभी उसने देखा कि एक बकरी का मेमना अपने झुण्ड से बिछुड़ गया है और बहुत उदास होकर इधर-उधर दौड़ रहा है। उसको फिर अपने पति की बात याद आ गई
और वह उस मेमने को अपने घर ले आई। धीरे-धीरे खूब खा-पीकर वह भी मस्त रहने लगा।
अब धीरे-धीरे फसल के दिन भी नजदीक आ गए तो किसान की पत्नी ने सोचा अब फसल बोने की तैयारी शुरु कर देनी चाहिए। लेकिन, वह सोचने लगी कि बाकी काम तो जैसे-तैसे मैं कर भी लूँगी पर खेत को खोदेगा कौन? यही सोचते-सोचते वह खेत की ओर चल दी कि शायद वहीं जाकर समस्या का कोई समाधान मिल जाए। लेकिन, यह क्या जैसे ही उसने खेत की तरफ देखा वह आश्चर्यचकित हो गयी। उसने देखा कि सूअर ने घास की जड़े खाने के लिए सारा खेत ही खोद दिया है।
वह अत्यंत प्रसन्न हो गई। अब वह सोचने लगी कि इसमें क्या बोया जाए? बीज किससे मँगाऊं? अभी वह ये सब सोच ही रही थी कि न जाने चिड़िया कहाँ से फुर्र से उड़कर आई और उसकी झोली में एक तरबूज का बीज डाल दिया। और उसने भी बिना देर लगाए वह बीज खेत में बो दिया।
अब वह सोचने लगी कि खेत में पानी भी देना होगा तभी बीज अंकुरित होगा। वह यह सोच ही रही थी कि उसी समय मोर वहाँ आ गया और मस्ती से झुम-झुमकर नाचने लगा। उसका नाच देखकर बादल प्रसन्न हो गए और छम-छम पानी बरसाने लगे।
अब वह सोचने लगी कि इसमें खाद भी डालना चाहिए। और इस काम को पूरा किया मेमने ने अपनी मिंगन की खाद डालकर।
इस प्रकार किसान की पत्नी की सारी समस्याएं चुटकियों में हल हो गई।