Book Title: Saptatishat Sthana Prakaranam Part 2
Author(s): Ruddhisagar
Publisher: Buddhisagarsuri Jain Gyanmandir

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Page 30
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( २३ ) रयणपुर १५ ति गयपुर १८ मिहिला १९ । रायगिह २० मिहिल २१ सोरिय-पुर २२ वाणारसिअ २३ कुंडपुरं २४ ॥९४ ॥ जन्म नगर्यः ॥ २८॥ इक्ष्वाकुभूभ्ययोध्या, श्रावस्तीद्वयोरयोध्या कौशाम्बी । वाराणसी चन्द्रपुरी, काकन्दी भदिलपुरश्च ॥ ९३ ॥ सिंहपुरं चम्पा काम्पिल्या-ऽयोध्या रत्नपुरंत्रिषु गजपुरं मिथिला। राजगृहं मिथिला सौ-यपुरं वाणारसी च कुण्डपुरम् ॥ ९४ ॥ मरुदेवि १ विजयदेवी २, सेणा ३ सिद्धत्थ ४ मंगल ५ सुसीमा ६ । पुहवी ७ लक्खण ८ रामा ९, नंदा १० विण्हू ११ जया १२ सामा १३ ॥ ९५ ॥ सुजसा १४ सुव्वय १५ अइरा १६, सिरि १७ देवि १८ पभावई य १९ पउमवई २० । वप्पा २१ सिवा य २२ वामा २३, तिसलादेवी अ २४ जिणमाया ।। ९६ ॥ इति जिनजनन्यः ॥ २९ ॥ मरुदेवी विजयदेवी, सेना सिद्धार्था मङ्गला सुसीमा । पृथ्वी लक्ष्मणा रामा, नन्दा विष्णुर्जया श्यामा ॥ ९५ ॥ सुयशाः सुव्रताऽचिरा, श्रीदेवी प्रभावती च पद्मावती । वप्रा शिवा च वामा, त्रिशलादेवी च जिनमातरः॥ ९६ ॥ नाही १ जियसत्तु २ जिया-रि ३ संवरो ४ मेह ५ धर ६ पइट्ठनिवो ७ । महसेण ८ सुगिव ९ दढरह १०, विण्हू ११ वसुपुज १२ कयवम्मो १३ ॥ ९७॥ सिहसेण १४ For Private And Personal Use Only

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