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२०. पार्श्व और महावीर का शासन-भेद
भगवान् पार्श्व और भगवान् महावीर के शासन-भेद का विचा निम्न तथ्यों के आधार पर करेंगे१ भगवान् पाश्वं की धर्म-सामाचारी भगवान महावीरको धर्म-सामाचा (१) चातुर्याम
(१) पांच महाव्रत (२) सामायिक चारित्र
(२) छेदोपस्थापनीय चारित (३) रात्रि भोजन न करना उत्तरगुण (३) रात्रिभोजन न करना मू (४) सचेल
(४) अचेल २. प्रतिक्रमण
प्रतिक्रमण (५) दोष होने पर प्रतिक्रमण (५) नियमतः दो बार प्रतिः ३. औद्देशिक
औदेशिक (६) एक साधु के लिए बने आहार का (६) एक साधु के लिए बने उ दूसरे द्वारा ग्रहण
__ का दूसरे द्वारा वर्जन ४. राजपिण्ड
राजपिण्ड (७) राजपिण्ड का ग्रहण
(७) राजपिण्ड का वर्जन ५. मासकल्प
मासकल्प (८) मासकल्प का नियम न होने पर (८) मासकल्प का नियम ।
जीवन भर एक गाँव में रहने का स्थान में एक मास से उ विधान । कीचड़ और जीव-जन्तु न रहने का विधान । न हो उस स्थिति में वर्षा-काल
में भी विहार का विधान । ६. पर्युषण कल्प
पर्यषण कल्प (९) पर्युषण कल्प का अनियम । (६) पर्युषण कल्प का नियम ।
जघन्यतः भाद्रव-शुक्ला पंचमी से कार्तिकशुक्ला पंचमी तक और उत्कृष्टतः आषाढ़ पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक एक
स्थान में रहने का नियम । (१०)
(१०) परिहारविशुद्ध चारित्र
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