________________
संक्षिा जैन इतिहास
women
- SCENSES
गजनैतिक स्थिति। यह संकेत किया जाचुका है कि मुसलमानोंके भाक्रमोंसे दक्षिण भारतके हिन्दुओंमें भाशंका और बेनी बढ़ गई थी। लोग अपनी बान और माल लेकर सुशित स्थानोंको भागते थे। स्वयं होरमल माटको द्वागसमुद्रक पतन पर अपनी राजधानी वहांसे हटाकर तिरुवन्नमलाईमें स्थापित करना पड़ा थी। देवगिरिके यादव गजा और वारंगलके कारतीय नरेश मुपलमानों का लोहा मान चुके थे और कृष्णा नदीसे उत्त में मुसलमानों का बहुमती राज्य स्थापित हो गया था। भलाद्दन खिलजीके सेनानायक मलिककाफूरने सन् १३०६ ई० में दक्षिण भारत पा भाकरण किया था और होरपक्ष नरेश वीर बलाक तृतीयको व कैदकर लेगया था। किन्तु सुल्तानकी माज्ञाके उ61 मुक्त कर दिया गया था। मलिककात होरक्षक साम्राज्य १५ माविकार जमाकर ही संतोषन नहीं हुभा-उपने मागे बढ़कर मदुम्के पांड्य गजाओं को भी पगम्त किया और गमेश्याम एक मस्जिद बनाकर उमने अपनी विनय-यात्रा समाप्त की थी। वह सन् १३११ ई. में दिल्ली लौट गया था और दक्षिणमें मुपलमानी सताकी रक्षा के लिय पia सेना छोड़ गया था। अमीर खुसरूने लिखा है कि मलिककाफूर इस दक्षिण विजयमें ९६००० मन सोना, जाहिरात, ही मादि बहुमूल्य सामियो, ५१२ हाथी और १२००० घोड़े षटकर दिल्ली ले गया था। मुहमानोंके इस त्याचारसे हिन्दु के हदयों में उनके पति घृणा और प्रतिहिंसाको भावना बागृत रोगई थी और मोने उनको अपने देशसे बरane