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संक्षित बैन इतिहास । सनहीं सकते कि विजयनगर संस्थापक हरिहरके पिता संगम पोर: बसंगम एक व्यक्ति हैं।
लावास और विजयनगर । कहा जाता है कि संगमका मूलस्थान मैसूरके पश्चिमी भागमें 'कास' नामक स्थान था।' मतः पश्चिमी मैसूरसे बाकर हरिहर नौर बुक कर्णाटकको राजनीतिका संचालन करने लगे और जन्त: विजयनगरके संस्थापक और पहले शासक हुये। वहां पर पहले गन्गुन्डि नामक छोटामा नगर बमा हुमा था, वह ही उन्होंने विजयनगर या विजयानगरकी नींव डाली। अनगुन्डिके पूर्वी और दक्षिणी दिशाओं में टुङ्गभद्रा नदी बहती थी। विजयनगर वह ही बसाया गया। उसकी स्थापना हिन्दू राष्ट्रकी विजय और समृद्धिके लिये की गई थी। इसलिये उसका नाम विजयनगर रखना उचित ही था। निकालेखों में उसका उल्लेख विजेगानगर, विधानगर और हस्तिनापती नामस भी हुआ है। जनगुण्डिको हस्तिकोण भी करते
। भौर विजयनगरकी स्थापना मनगुण्डि-म्यान R हुई, इसीकारण उसका दूसरा नाम हस्तिनावती भी हुमा। किन्तु विधानगा तो वह बादमें कहा गया पतीत होता है, जबकि माधवाचार्य विधारण्यका सम्बन्ध हरिहरसे जोड़ा गया। निम्सन्देह हरिसर और बुक कट्टर
१-विह, पृष्ठ २४. २-मी., भा. २. पृष्ठ २८४. 1-ASM , 1939, p. 155 गेहलका सि .४१. v-ASM., 1940, p. 148. ५-ASM., 1943P. 188 नगरवाजुक . .. ASM., 1982 p. 107.