Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 05
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 83
________________ ६६] संक्षिप्त जैन इतिहास : सहायता दी और गापारको बढ़ाया था। पुर्तगालियोंकी नसबके माक्रमणको विजयनगरको बसनाके नायक तिमोजाने विफल किया था। इसके पश्चात् पुर्तगालियोंने मयिकी थी और विजयनगरके राजदूतका अभूतपूर्व स्वागत गोमा किया था। मुसलमानोंको भी उसने बुरी तरह हराया था। उनकी मस्जिदोंमें मूर्तियां स्थापित करके उनको मंदिर बना दिया था। अहमदनगर बिलकुल नष्ट कर दिया गया था। इसपर सब मुपलमान शासक संगठित होकर सन् १५६५१०में विजयनारपर चढ़ माये । रामायके मुसलमान सेनापतियोंने उसे धोखा दिया और तालिकाटके युद्ध में वीर मराय खेत रहा ! मुमहमानोंने तुरी साह लटा, मुसलमान ५५० हाधियोपर लादकर विज्यनगरसे तक बनराशि लेगये। मुसलमानोंने हिंदूओंको पता किया और मंदिरों तथा राजमहलोको नष्ट कर दिया । छ महीने तक मुसम्मान सेन विजय. नगामें पड़ी हुई लटमार करती रही। बैसा अत्याचार शादी कभी कहीं किया गया हो।' सार्वभौमिक पतन । इस भयंकर पराजयका प्रभाव यह हुमा कि इसके पथात दक्षिणका कोई भी हिन्दू शासक पुन: एक विशाल साम्राज्यके निर्माण करनेका साहस न कर सका | हिंदू समाज्यका एकदम पतन हुमा। परिणामतः ब्रामण भोर बैन संस्कृतियों का हास हुमा। साहित्य, कापौर ब्यापारको भी सति हुई एवं पुर्तगाली नादि विदेश भी १-शि. . .१-८४. -

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