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विजयनगरको स मर्म। [८१ सासरत चालमनरेश विक्रमरा (सन् १५५७१०) समान है। इस दानपत्रमें मिनेन्द्रको मंगलाचरण के है कि बाङ्गल्यानरेशने नासीभट्ट नामक ब्रामण विद्वानको एक बार मेर किया। सम्भव है, नसीभट्ट भी नर्म मुक्त हो। मंग वासरको स्थाबाद मतका उपासक सिद्ध करता है!
राजमंत्री मोम्मरस । सन् १५०९६०में चेनबोम्मरस नामक वी साल नरेखके राममंत्री थे। बोम्मके वंश बनेक पुरुष सामंत्री रहे मोर वे सजनधर्म-सहाव-प्रतिपालक' कागते । सोम्यक मंत्री • सम्पत-चूड़ामणि' कहे जाते थे। नाम पर मते थे, वहां उनके कारण बैनधर्म उन्नत बना हुमाया। वहां - मान्य बनी रहते थे। उन्होंने बोम्ममंत्री के साब मिका मायरोकने गोम्मटस्वामी मूर्तिक पलिभर' (urbour) का जीर्णोबार कराया।
दंडाधिप मजारस। किन्तु हा नरेशों के राजकर्मचारियों में दाविप मारसका स्थान सर्वोपरि है। रस मल्सेनाके सेनापति रमावती मिधर्मके मनन्य मक और प्रतिमा-मम्पक कवि भी। सके पिता महापमु विलास बाला-नरेशक राजमंत्री और कारक
मक क्षेत्रके शासक (बासराय) । उनकी माता देवि भी। मारक मार्मि - माथे। की fat. बाप मरस स मिट की! पिन्त माहिसा सवार
१-मेश. पृ. ११६।२-ही. पृ. 10