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( ६४ ) क्या नतीजा आता है ? और यदि इसमें सफलता मिले तो ऐसी अन्य संस्थाएं स्थापन करे और यह शिक्षा प्रणाली अपनावें जैसा कि मैं अभी एक लेख में लिख चुका हूं । जब कि हमारे • देश का नव-निर्माण हो रहा है उस समय शासन अधिकारियों
को चाहिए कि केवल अपने ही अनुभव से एक दृष्टिकोण से नहीं, किन्तु भिन्न-भिन्न दृष्टिकोण से भी शिक्षण प्रणालियों को देखकर उसके प्रयोग भारम्भ करना चाहिए।
मुझे माशा है जनता और शासक शिक्षण जैसे महत्व के प्रश्न को बहुत विचार पूर्वक हल करने का प्रयत्न संयुक्त बल से करेंगे।
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