Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 17
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir याधू णू प्रादेस पण, (ण! 1-शि वि० पश्चिम की ओर । प्रादाब-पु० [अ०] १ नियम, कायदा । २ लिहाज, इज्जत । गाय एक 'साथ' के बदले वृपक का कार्य करने वाला व्यक्ति। ३ अभिवादन । ---अरज-पु० निवेदन । प्राण-देखो 'प्राथूरा'। आदासीसी-देखो 'याधासीसी'। प्रायोमण (मणी)- वि० प्रयोजन वाला । प्रादि-वि० [सं०] १ प्रथम, पहला । २ प्रारम्भ का । अादत-नि० वि० सं० प्रायंत प्रारम्भ से अन्त तक । -वि० ३ बिगुल, नितांत ८ मूल अग्र । -पु० १ उत्पत्ति स्थान । ग्रादि तथाल। २ प्रारम्भ । ३ दुनियाद। ४ मूलकारग ५ ईश्वर । ग्रादतर-देतो शान्तर'। ६ पुत्री। ---अव्य० इत्यादि । वगैरह। अाद १ देशी गाया' । २ देखो 'ग्रादि' । ३ देखो 'इत्यादि'। प्रादिकवि • [0] वाल्मीकि ऋषि जिन्होंने सर्व प्रथम आदक-वि० [सं० आदिक] १ आदि, प्रथम । २ प्रारम्भ छोक काब्य को रचना की थी। २ शुक्राचार्य । वा, अरूका । ३ नितांत । -पु० एक प्रकार का रोग । प्रादिकारण -पु०सं०] मूलकारण, पूर्वनिश्चित बात । बदक-प्रत्य इत्यादि। प्रादि सुगाद (दि)-कि० वि० सष्टि के प्रारम्भ से अंत तक । आरकवि (कयो)-देवो सादिकवि'। डादित, (वित्त दि)-पु० [सं०ग्रादित्य] १ मूर्य । २ इन्द्रादिक पाद जथा पीगिन गीतों की रचना का एक नियम । देवता । ३ द्वादश ग्रादित्यः - विष्णु का पांचवां अवतार । आदजुगार, (दि, पी)-देखो बादिजमाद' । पुन, सुनु पु० अदिति पुत्र, देवता । सूर्यपुत्र । मग दिल-पु. का प्रवहन] दाल, चावल आदि पकाने के ब्राह्मण । -गर-पु० रविवार । लिए गर्म किया जाने वाला पानी। | प्रादिपक्य. (ख)-देखो 'प्रादपख' । प्रादत, (ति)-स्त्री. ] १ स्वभाव, प्रकृति । प्रादिपुरुक्सा, (पुरस)-पु० [सं० आदिपुरुप] १ विष्णु, ईश्वर । अन्नान । ३ देव । मातिया. आदत्या-पु० [सं० यादितेय ] देवता । अादिन-दे की 'यादम'। ग्राद नि. वि० आदि, इत्यादि । अादियारापात, प्रादियासगत (सी)-स्त्री० [सं० श्राद्य शक्ति] डावखरणी, चिफेस्वरी)--श्री राठौड़ों की कुल देवी। १ दुगः, देवी । २पावती। प्रादपर, प्रादापख-पु. [सं० प्रादिपक्ष कृष्ण पक्ष । आदिपाठ, सादिषा-देयो 'शाधिनौ' । प्रादपुरख, (रस)-देवो 'शादिपुरख' (स) । प्रादिरस-खो 'अादरस'। आदभ-पु० [अ] १ मानव सृष्टि का आदि पुरुष । २ मनु । | आदिल-वि० [अ०] १ उदार । २ न्यायी। ३ महादेव । -चस्म-पु० मनुष्य को सी प्रांखों आदिवराह-पु० [सं०] १ विष्णु का वराह अवतार । २ शूकर, वाला घोड़ा। सूपर। आदमी पृ० [अ०] (स्त्री० पावभग्ग) १ आदम की संतान, प्रादिविपुळा-स्त्री० ग्रार्या छन्द का एक भेद । मतप्प, मानव । २ पति । ३ मजदुर । आदिसराव-पु० [सं० नादिधाद्ध] मृत्योपरान्त मृतक के पीछे प्रादर-पु .] १ सम्मान, इज्जत । २ आस्था, था। ग्यारहवें दिन किया जाने वाला श्राद्ध । ३ गकार, शिष्टाचार । आदी-वि० [अ०] १ अभ्यस्त । २ अादत वाला । ३ देखो 'पादि' । आदरखौ (वी)-कि० १ मम्मान व इज्जत करना । २ सत्कार | प्रादीत, अादीता (तो)-देयो 'यादित' । करना । ३ थद्धा रखना । ४ महत्व देना। ५ स्वीकार | आदीस्वर-पु० [सं० यादीवर १ जैनियों के प्रथम तीर्थ कर । करना । ६ निश्चय करना, रढ़ करना । ७ प्रारम्भ करना। आदरस गु० [सं०पादर्श] १ दर्पण, शीशा । २ अनुकरणीय | प्राद- वियादि१पाभका, आदिहालक । २ बुनियादी। वायं । ६ नमूना। ___ --ख -वि. निर्दोग, स्वच्छ । आदरा (रियौ)-देखो ‘ग्राद्रा'। आदरणी-नि:स्त्री० प्रादुगा) परम्परागत । बादली-श्री० [अ० अदन] न्याय, इन्साफ । प्रादूपंथी-पु. हिवादी'। यादवराह देखो 'ग्रादिवराह' । | आपरा, (परगो)-T० शुन्यात, आदि । प्रादसगत-देना 'पादियामगत' । प्रादेस (लि)-पु० [सं० श्रादेश] : ग्राजा, हाम । २ उपदेश । आदान-पु० [सं० अादान] ग्रहण, स्वीकार । -प्रदान-पु.। ३ नमस्कार, प्रणाम । ४ निर्देश । ५ ग्रहों का फल । परम्पर लन-देन । वस्तु विनिमय । ६ अक्ष परिवर्तन । (व्याकरण) For Private And Personal Use Only

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