Book Title: Prastavik Shloak Sangraha
Author(s): Priyankarvijay
Publisher: Dalichand Jain Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Aca Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir वचनामृत दुनिया लकीरों का बाज़ार है। प्रलोभन और पॉलीसी स्वार्थी संसार को हस्त करने का अज़ब जादू है। मानव जीवन यहीं मनुष्य जीवन की शाळा है । अज्ञानता मानव जीवन की घातक है । संकट से मनुष्य जीवन के चक्षु खुल जाते है । जमाना बुद्धिवाद का है और आप उनके प्रचारक है। वीर पुरुष प्राण के भयसे दीनता को कभी धारण नहीं करते। अध्यात्मवाद ही निश्चित सुख की कुश्ची है। शरीर मन और वाणी को स्वतंत्र बनाओ। -प्रियंकरविजय For Private And Personal

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53