Book Title: Prastavik Shloak Sangraha
Author(s): Priyankarvijay
Publisher: Dalichand Jain Granthmala

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir दो शब्द। प्रस्तुत पुस्तिका का नाम भिन्न २ स्थलं से श्लोक संग्रह किया गया है इस से " प्रास्ताविक श्लोक संग्रह" रखा गया है । जिसमें भिन्न २ प्रकार की नीति के श्लोक है । व्याख्यानकारों में इस से महद् लाभ होने की संभावना है। विद्वद्वर्ग की पीछे बाल जीवों को भी कुच्छ लाभ हो उसी उद्देश से हिन्दी पदों का भी संग्रह इस लघु पुस्तिका में किया गया है। इस से उम्मेद है कि दोनू वर्ग महद् लाभ उठायेगा । यदि दोनू वर्ग में इनका सत्कार होगा तो इसी तरह और भी संग्रह जनता की सेवा में अर्पित किया जायगा । -प्रियंकरविजय For Private And Personal

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