Book Title: Panch Pratikraman
Author(s): Sukhlal Sanghavi
Publisher: Atmanand Jain Pustak Pracharak Mandal

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Page 12
________________ [ ६ ] प्रमाण रूप से आये हुए ग्रन्थों के नामः-- समवायाङ्गः । चैत्यवन्दन-भाष्य। दशवैकालिक-नियुक्ति। विशेषावश्यक-भाष्य। ललितविस्तरा। गुरुवन्दन-भाष्य । योनिस्तव। श्राद अतिक्रमण । भगवतीशतक । ज्ञाता धर्मकथा । सूत्रकृताग। आवश्यक-नियुक्ति । पञ्चाशक । आचाराग. नन्दि-वृत्ति। बृहत्संग्रहणी । योगदर्शन। धर्मसंग्रह। उपासकदशा । भरतेश्वर-बाहुबलि-वृत्ति । अन्तकृत् । उत्तराध्ययन। देववन्दन-भाष्य । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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