Book Title: Neminahacariya Part 2
Author(s): Haribhadrasuri, H C Bhayani, Madhusudan Modi
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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६५०
नेमिनाहचरिउ
[३०४२]
अह थुकिय-वयण राइमइ
परिमुक्क- नीसास-भर सो मेल्लिवि नेमि वरु हलि सहियहु तुभे व इहु जंपहु किमसंवद्ध | तुम्हाण व किं किं-पि मई इह चिst अवरद्ध ||
भणइ ताय किं वय-वोल्लिण ।
मह न कज्जु इयरेण भल्लिण ॥
[३०४३]
कहह को इह तेम्व महुमहण
भुय-दंड- वलु निद्दलइ को व निवइ दस अजु-य साहइ । को व कोव - मय-माणु वाहइ || नंदणु तिहुयण सारु । सो च्चिय नेमि - कुमारु ॥
ससुरासुर-पहुहुं पहु मेल्लिव समुदविजय - निवइता मह पर जम्मि वि सरणु
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[३०४४]
ती वइयरु एहु मुणिऊण
सविसेस फरिय-गिरि- गरुय - दुक्ख - परभार- विहुरिउ । हरि-लहर - सिरि-समुदविजय - निवइ-सिवदेवि- सउरिउ ॥ अवरो वि-हु जायव-निवहु वाह जलाविल-नेत्तु । कह-वि अ-पाविरु रइ-लघु वि पहु-विरहाउर - चित्तु ॥
[३०४५]
स दुहु च अइ-दीहरु frees जहिं रमिहर नेमि - जिणु थोडइ पाणिइ मच्छु जिम्व म मुहिम मुयहि नाह इहु ३०४२. ३. क. वहुयवोल्लिण. ३०४३. ४. क. पहुं.
करुणु पलवेइ
भमर पहुहु पासेसु पुणु पुणु । तं जि थुणइ झूरेइ अपणु ॥ तल्लोविल्लि कुणंतु । नियय-लोउ विलवंतु ॥
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[ ३०४२
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