Book Title: Natyadarpan Hindi
Author(s): Ramchandra Gunchandra, Dashrath Oza, Satyadev Chaudhary
Publisher: Hindi Madhyam Karyanvay Nideshalay Delhi

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Page 11
________________ विवद (८) विद्रव (8.) भाक्षेप (१०) (११) मागं (१२) प्रत्याहरण (१३) तोटक ग्रामशं सन्धि के तेरह अङ्ग (१) द्रव (२) प्रसंग (३) सम्फेट (४) अपवाद प्रधिखल (५) छादन (६) धुति (७) खेद ( 5 ) विरोध संरम्भ शक्ति (2) (१०) (११) प्ररोचना (१२) प्रादान (१३) व्यवसाय निर्वहरण सन्धि के चौदह प्रङ्ग (१) सन्धि (२) निशेष (३) प्रथन (४) निर्णय (५) परिभाषा उपास्ति कृति घानन्य समय परिगूहन (4) (७) ( 5 ) ( ९ ) (१०) (११) भाषण (१२) पूर्व भाव (१३) काव्यसंहार (१४) प्रशस्ति अन्य भाचायों के मत का खण्डन Jain Education International ( ग ) For Private & Personal Use Only 000. *** ... .... ... ... 0000 ... .... .... .... **** ... .... .... ... 818 .... ... .... 1000 0000 .... ... 000 ... पृष्ठ १५४ १५५ १५६ १५८ १५९ १६० १६१ १६१ १६२ १६३ १६४ १६५ १६७ १६७ १६८ १७१ १७२ १७५ १७७ १७७ १७८ १७६ १७६ १५० १५१ १५२ १८३ १८४ १५६ १८७ १८७ १९० १६१ १९३ १९५ १९५ www.jainelibrary.org

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