Book Title: Manav ho Mahavir
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 21
________________ आज तो लोग उन्हें कहीं का नहीं छोड़ते। तीन बिन्दु हमेशा ध्यान में रखें। पहला - जन्म से कोई मान नहीं होता, कर्मों से महान बनता है। दूसरा - आदर्श महापुरुषों की जीवन-चर्या को समझो, उसके अनुरूप आचरण करो और तीसरा, हम भी महावीर-बुद्ध हो सकते हैं आत्मा में यह विश्वास स्थापित करो। हम अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का अभिक्रम कर जीवन में आमूलचूल परिवर्तन ला सकते हैं। ___ 'तमसो मा ज्योतिर्गमय'। चलें प्रकाश की ओर, विराट की ओर महावीरत्व और बुद्धत्व की ओर। हमारे कार्य ही हमारे लिए हजारों आशीष बन जाएं। हमें न कहना पड़े 'तमसो मा ज्योर्तिगमय'। हमारे कार्य ही ज्योर्तिमय हो जाएं। मानव हो महावीर | २० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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