Book Title: Mahakavi Bhudhardas Ek Samalochantmaka Adhyayana
Author(s): Narendra Jain
Publisher: Vitrag Vigyan Swadhyay Mandir Trust Ajmer
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महाकवि भूधरदास :
23. खाट पकड़ना रंक भयो परयंक लई है । जैनशतक छन्द 38 24. खेत तजना खेत तजै सो अपयश लेय पार्श्वपुराण पृष्ठ 61 25. खेल खेल के अर सब खेल खेल खाम
के खाम
भूधरविलास पद 24 26. गरज सरना
तेरी गरज क्या सरियां रे
भूधरविलास पद 27 27. गाय वच्छ की रीति राखे गाय वच्छ
की रीति
पार्श्वपुराण पृष्ठ 35 28. गोठि का खोना ज्ञान खोयो गांठि को भूधरविलास पद । 29. गोद का छोड़कर सो गंवार तजि गोद को
पेट की आस करना करे पेट की आस प्रकीर्ण साहित्य 1 30. घटा घोरना
घोर घन घौरें घटा जैनशतक छन्द 13 31. वरन चापना कोई चापै चरण करो पार्श्वपुराण पृष्ठ 47 32. चारा चलना
कहां चले मेरो चारो भूधरविलास पद 13 33. चार दिन की चांदनी ये सुख है दिन दोय ___ फिर अंधेरी रात फिर दुख की संतान भूधरविलास पद 32 34. चील अंडा छोड़ना चील अंडा छौरे जैनशतक छन्द 13 35. छाहं लौरना पशु पंछी छांह लोरे जैनशतक छन्द 13 36. जगल म वास लना जगल काना वासा भूधरविलास पद, 37. जहर का प्याला पीना पीव न जहर पियाला प्रकीर्ण साहित्य 38. जलांजलि देना भवदुखवास जला- पार्श्वपुराण
जलि देहि
पृष्ठ 42, 90 39 जुहार करना जरा नै जुहार कीनी जैनशतक छन्द 39 40 जो सोवै सो खोवै सोवै जो अचेत सोई खोवै जैनशतक छन्द 68